Jabalpur News: कोरोना संक्रमण के नए खतरे की आहट के बीच बूस्टर डोज के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. जबलपुर जिले में अभी तक सिर्फ 28 प्रतिशत लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है. इसके साथ ही कोविशील्ड की बूस्टर डोज की अनुपलब्धता भी लोगों के बीच अरुचि की प्रमुख वजह है. यहां बताते चलें कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक जबलपुर जिले में अभी तक कुल 68 हजार 645 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, जिनमें से 817 लोगों की मौत हो गई है.
कोरोना से बचाव के लिए चमत्कारिक रूप से रिकॉर्ड समय में तैयार वैक्सीन का फर्स्ट और सेकेंड डोज लोगों ने खूब लगवाया. कई दिनों तक स्लॉट बुकिंग के बाद लोगों का नम्बर आया करता था. लेकिन इन दोनों डोज के अलावा तीसरी डोज जिसे बूस्टर नाम दिया गया था, उसे लगवाने से लोगों का मोहभंग हो गया.
सिर्फ 28 प्रतिशत लोगों ने लगवाया बूस्टर डोजयहां बता दें कि जबलपुर में अब तक महज साढ़े 5 लाख यानी सिर्फ 28 प्रतिशत लोगों ने ही कोरोना का बूस्टर डोज लगवाया है. अब लोगों का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है. केवल वही लोग बूस्टर डोज को लगवा रहे हैं, जिनको विदेश यात्रा पर जाना है. कई देशों में वीजा पाने के लिए बूस्टर डोज लगवाना अनिवार्य है, जिसके कारण ही गिने चुने लोग बूस्टर डोज लगवा रहे हैं. बाकी के लोग बूस्टर डोज पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं. इतना ही नहीं बूस्टर डोज के नाम पर को- वैक्सीन ही उपलब्ध है, जबकि कोविशील्ड वैक्सीन की किल्लत है. इस समय जबलपुर में को-वैक्सीन की साढ़े 47 बूस्टर डोज उपलब्ध है. अगर इनका उपयोग जनवरी तक नहीं किया गया तो यह सारी वैक्सीन एक्सपायर हो जाएंगी.
अब तक इतने लोगों ने लगवाई वैक्सीनजबलपुर जिले में अब तक लगभग 50 लाख वैक्सीनेशन की डोज लगाई जा चुकी हैं. फिलहाल जिले में 4700 को-वैक्सीन की डोज उपलब्ध है. जनवरी 2023 तक वैक्सीन की एक्सपायरी की मियाद है अगर इससे पहले इनका उपयोग नहीं किया गया तो यह खराब हो जाएंगी. जिले में अब तक कोरोना वैक्सीन की पहली डोज कुल 22 लाख 35 हजार 179 लोगों को लग चुकी है. वही,दूसरी डोज 22 लाख 16 हजार 311 लोगों ने लगवाई है.
इन अस्पतालों में की गई व्यवस्थाजबलपुर के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एस. एस. दाहिया के मुताबिक 6 जगहों पर बूस्टर डोज लगाई जा रही है. कोविशील्ड की बूस्टर डोज नहीं है, जिसकी डिमांड की गई है. वर्तमान समय में जिला अस्पताल, मनमोहन नगर शासकीय अस्पताल, गुप्तेश्वर, तिलवाराघाट, शासकीय अस्पताल रांझी, संजय नगर, मोतीनाला अस्पताल में बूस्टर डोज लगाने की व्यवस्था हैं, लेकिन लोगों की दिलचस्पी नहीं होने के कारण इन सेंटरों में भी सन्नाटा छाया रहता है.
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