जबलपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को आज पन्ना से गिरफ्तार कर लिया गया.उनके खिलाफ पुलिस ने सोमवार को मामला दर्ज किया था. पन्ना पुलिस ने पटेरिया के खिलाफ आईपीसी की जो तमाम धाराएं लगाई हैं,उनमें उन्हें दो से लेकर सात साल तक की सजा हो सकती है. इन धाराओं में दोष साबित होने पर अदालत उनपर जुर्माना भी लगा सकती है. पन्ना पुलिस ने पटेरिया पर कुछ गैरजमानती धाराएं भी लगाई हैं.आइए देखते हैं कि राजा पटेरिया पर पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, उनमें कितनी सजा का प्रावधान है.
क्या है पूरा मामलापन्ना जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर हत्या से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने से सियासी बवाल मचा हुआ है.इस वीडियो में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि संविधान को बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो.वीडियो वायरल होते ही बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया.गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
किसके आदेश पर दर्ज हुई FIR
गृहमंत्री के निर्देश पर पन्ना जिले के पवई थाना में राजा पटेरिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 451, 504, 505 (1) (b), 505 (1) (c), 506, 153b (1) (c) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया.बाद में इस एफआईआर में आईपीसी की धारा 115 और 117 और जोड़ दी गई.मध्य प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी राकेश तिवारी का कहना है कि बाद में जोड़ी गई दोनों धाराएं गैरजमानती हैं.आइये जानते है कि राजा पटेरिया के खिलाफ पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता 1860 (IPC 1860) की जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है,उनमें कितनी सजा का प्रावधान है.
IPC की कौन कौन सी धाराएं पुलिस ने लगाई हैं
आईपीसी की धारा-115: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर किसी भी प्रकार के कारावास की अवधि सात वर्ष तक हो सकती है. इसके अलावा अदालत दोषी पर जुर्माना लगा कर दंडित कर सकती है.
आईपीसी की धारा-117: यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है.इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर तीन सात के तक की जेल की सजा मिल सकती है. अदालत जुर्माना भी लगा सकती है. अदालत दोनों सजाएं दे सकती है.
आईपीसी की धारा 505 (1)(B) और 1(C): यह धारा फर्जी खबर फैलाने या प्रकाशित करने को लेकर है, जिससे जनता में अशांति फैल सकती है और अपराध को बढाव मिल सकता है. अपराध साबित हो जाने पर दोषी को तीन साल तक की सजा मिल सकती है. उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
आईपीसी की धारा 153 (बी): यह धारा राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाला भाषण देना या लांछन लगाने पर लगाई जाती है. यह धारा गैरजमानती और संज्ञेय है.इसमें दोषी पाए जाने पर तीन साल की जेल की सजा और जुर्माना की सजा अदालत सुना सकती है. यदि यह अपराध सार्वजनिक पूजा स्थल पर किया जाए,तो सजा बढ़कर पांच साल तक की हो सकती है.
आईपीसी की धारा 506: आपराधिक धमकी के आरोप में यह धारा लगाई जाती है. इसमें दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा हो सकती है. अदालत दोषी पर अर्थ दंड भी लगा सकती है. हत्या या किसी और गंभीर अपराध की धमकी देने पर सजा और कड़ी हो सकती है. इसमें फांसी की सजा या सात साल तक की जेल भी हो सकती है. खास बात यह है कि इमसें अधिर गवाह की भी जरूरत नहीं होती है.
आईपीसी की धारा 451: इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा का प्रावधान है.
आईपीसी की धारा 504: लोक शांति भंग करने के लिए उकसाने का प्रयास करने पर लगाई जाने वाली इस धारा में दोषी पाए जाने पर अधिकतम दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है. अदालत दोषी पाए गए व्यक्ति पर जुर्माना भी लगा सकती है.
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