Mohan Yadav Stays In Ujjain: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लंबे समय से चली आ रही उस प्रथा को तोड़ दिया कि कोई भी राजा या शीर्ष राजनीतिक पदाधिकारी प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के गृह स्थान उज्जैन में रात भर नहीं रुकता है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा शाही सिंधिया परिवार के लोगों की एक ‘‘युक्ति’’ हो सकती है. तेरह दिसंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले उज्जैन दक्षिण से विधायक यादव शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि में यहां से लगभग 190 किलोमीटर दूर पवित्र शहर में ठहरे थे.


इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि उज्जैन दौरे के दौरान मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ राजनीतिक पदाधिकारी रात भर आसपास के इलाकों में रुकेंगे. यादव ने शनिवार रात यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘किसी कारण से (सिंधिया राजघराने की) राजधानी 1812 में उज्जैन से ग्वालियर स्थानांतरित कर दी गई थी. उन्होंने यह किंवदंती छोड़ दी थी कि कोई भी राजा यहां रात में नहीं रुकता है. ऐसा इसलिए था ताकि कोई भी इस क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए यहां न आए. यह उनकी राजनीतिक रणनीति थी.’’


'भगवान महाकाल सभी के राजा हैं और हम उनकी संतान हैं'
यादव ने कहा, ‘‘भगवान महाकाल सभी के राजा हैं और हम उनकी संतान हैं. क्या भगवान महाकाल केवल नगर निगम सीमा के भीतर ही दिव्य शक्तियों का प्रयोग करेंगे? यदि वह चाहें तो पूरे ब्रह्मांड में कोई बच नहीं सकता है.’


रात में रुकने को लेकर क्या था मिथक? 
मान्यता रही है कि उज्जैन के राजा भगवान महाकालेश्वर यानी बाबा महाकाल हैं. इनसे बड़ा शासक कोई नहीं है. मान्यता रही कि कोई भी राजा उज्जैन में रात में नहीं ठहरता, इसके पीछे तर्क दिया जाता रहा है कि एक शहर में दो राजा नहीं ठहर सकते हैं. अगर कोई भी राजा, मंत्री या नेता यहां रात में ठहरता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.


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