MP Politics News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के सत्ता समीकरणों पर लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. इसी कड़ी में जब प्रदेश में नए जिला प्रभारियों की नियुक्ति की गई तो सीएम मोहन यादव ने इंदौर जिले का प्रभार अपने पास ही रखा. इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं आखिरकार सीएम ने इंदौर जैसे अहम जिले का प्रभार अपने पास क्यों रखा. जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को सतना और धार जैसे जिले का प्रभार दिया गया.
पार्टी सूत्रों की मानें तो कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल को महत्वपूर्ण जिलों से दूर रखकर मुख्यमंत्री यह संकेत देना चाहते हैं कि वे प्रशासन और पार्टी में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं.
क्या कैलाश विजयवर्गीय का घटा दिया गया कद?वैसे तो कैलाश विजयवर्गीय की गिनती मोहन सरकार के कद्दावर मंत्रियों में होती है. जिलों के प्रभार मिलने से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें भोपाल का प्रभार मिल सकता है लेकिन उन्हें सतना और धार जिले का प्रभार मिला. प्रदेश की सियासत के हिसाब से देखा जाए तो इन जिलों की दमदारी इतनी प्रबल नहीं है. जिसके बाद से अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
प्रहलाद सिंह पटेल की स्थिति ठीकवहीं बात करें मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की तो उनकी गिनती भी मोहन सरकार के कद्दावर नेताओं में होती है. पटेल को भिंड और रीवा जिले का प्रभार दिया गया है. रीवा संभाग में ही सतना जिला आता है. वहीं चंबल अंचल में आने वाले भिंड का प्रभार भी उन्हें मिला है. जिससे प्रहलाद सिंह पटेल की स्थिति ठीक नजर आ रही है.
सिंधिया की पकड़ बरकरारवहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार अपने प्रमुख गढ़ों को बरकरार रखने में कामयाब रहे. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट को ग्वालियर और बुरहानपुर जिला और ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर को शिवपुरी और पांढुर्ना, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को गुना और नरसिंहपुर का प्रभार मिला है.
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