मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीएम हाउस में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में कांग्रेस का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा, जिसमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और कानूनविद वरुण ठाकुर शामिल थे.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रानी अग्रवाल, बसपा प्रदेशाध्यक्ष रमाकांत पिंपल, सपा प्रदेशाध्यक्ष मनोज यादव, ओबीसी आयोग अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया, मंत्री कृष्णा गौर, नारायण सिंह कुशवाह और अन्य नेता भी उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्या कहा?
सीएम मोहन यादव ने बैठक के बाद कहा, “आज सभी दलों के प्रतिनिधियों ने 27% ओबीसी आरक्षण पर चर्चा की. सभी दल और सरकार पहले ही ओबीसी आरक्षण का समर्थन कर चुके हैं. 24 सितंबर से इस मुद्दे पर डे-टु-डे सुनवाई होगी. अदालत में अलग-अलग पक्ष होने की वजह से हमने तय किया है कि सभी वकील मिलकर एक राय बनाएं. 10 सितंबर से पहले वकील आपस में विचार करें, ताकि प्रदेश के ओबीसी वर्ग को पूरा 27% आरक्षण मिल सके. इससे ओबीसी वर्ग के युवाओं को नौकरियों में न्याय मिलेगा.”
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का बयान
उमंग सिंघार ने कहा, “यह कांग्रेस पार्टी की जीत है. कांग्रेस पहले से ही 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण की मांग कर रही थी और हमारी सरकार ने इस पर फैसला भी किया था. हमने ही सरकार पर दबाव बनाया, देर आए दुरुस्त आए.”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का बयान
जीतू पटवारी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें ओबीसी आरक्षण पर मौजूद कानूनी अड़चनों पर चर्चा हुई. यह पहल कांग्रेस पार्टी की थी. यदि आरक्षण लागू करने का रास्ता निकलता है तो यह सकारात्मक कदम होगा. बैठक में सहमति बनी कि कानून लागू होना चाहिए और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने इसे 6 वर्षों तक रोके रखा. यह स्वागतयोग्य है कि सभी दल पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर एक राय बने हैं.”
पूरे मामले में वकीलों का क्या कहना है
इस मामले में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे वकीलों ने भी कहा कि इस कानून की राह में कोई अड़चन नहीं है और सुप्रीम कोर्ट भी यह बात कह चुकी है कि आखिर स्टेट ने इतनी देर क्यों कर दी. वकीलों का कहना है कि सॉलिसिटर जनरल की तरफ से ही कुछ कानूनी हवाले दिए जा रहे हैं जो की ठीक नहीं है, सॉलिसिटर जनरल को लेकर इस मामले की कानूनी लड़ाई लड़ रहे वकीलों में नाराजगी दिखी.