Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में किसी अज्ञात जानवर के काटने के बाद पिछले 12 दिनों के भीतर छह लोगों की रहस्यमय हालात में मौत हो गई, जिसकी गुत्थी सुलझाने के लिए अलग-अलग सरकारी विभागों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों ने मंगलवार (3 जून) को यह जानकारी दी.
अज्ञात जानवर ने 17 लोगों को काटा
अधिकारियों के मुताबिक पहली नजर में संदेह है कि यह जानवर रेबीज वायरस से संक्रमित था, लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. देवेंद्र रोमड़े ने न्यूज एजेंसी ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि बड़वानी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पांच मई को तड़के अज्ञात जानवर ने 17 लोगों को काटा था, जिसकी जानकारी मिलने के बाद उन्हें रेबीज रोधी इंजेक्शन लगाया गया था. उन्होंने बताया कि 23 मई से दो जून तक इनमें से छह लोगों की मौत हो गयी.
जानवरों की तलाश जारी
बड़वानी के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) आशीष बंसोड़ ने बताया,‘‘अज्ञात जानवर ने करीब तीन घंटे के भीतर 17 लोगों को काटा था. इससे लगता है कि यह जानवर रेबीज वायरस से संक्रमित रहा होगा. हम इस जानवर को लगातार तलाश कर रहे हैं, लेकिन अब तक उसका पता नहीं चल सका है.’’
डीएफओ ने बताया कि इस जानवर ने सूर्योदय से पहले जिस लिम्बई गांव में सोते हुए लोगों पर हमला किया, वह वन सीमा से करीब 4.50 किलोमीटर दूर है. उन्होंने बताया,‘‘ये लोग गर्मी के चलते अपने घरों के बाहर खुले में सो रहे थे. उनका कहना है कि यह जानवर कुत्ते जैसा दिख रहा था, लेकिन फिलहाल इस जीव की पहचान नहीं हो सकी है.’’
सवाल उठ रहा है कि अगर अज्ञात जानवर के हमले से पीड़ित सभी 17 लोगों को वक्त पर रेबीज रोधी इंजेक्शन दे दिया गया था, तो इनमें से छह लोगों की मौत कैसे हो गई? इस बारे में पूछे जाने पर बड़वानी की जिलाधिकारी गुंचा सनोबर ने कहा,‘‘हम मामले की विस्तृत छानबीन के तहत सभी पहलुओं को देख रहे हैं. खंडवा के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय के विशेषज्ञों के एक दल ने मौके पर पहुंचकर जांच की है. मृतकों का विसरा दिल्ली की एक प्रयोगशाला में भेजा गया है.’’
छह लोगों की मौत रेबीज के कारण हुई
जिलाधिकारी ने कहा,‘‘जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकेगा कि छह लोगों की मौत रेबीज के कारण हुई या नहीं.’’ उन्होंने बताया कि अज्ञात जानवर के हमले के बाद जान गंवा चुके सभी छह लोगों के परिवारों को वन विभाग की ओर से आठ-आठ लाख रुपये का मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इस बीच, बड़वानी के पड़ोसी धार जिले के कांग्रेस विधायक और आदिवासी नेता हीरालाल अलावा ने आरोप लगाया है कि अज्ञात जानवर के हमले के शिकार ग्रामीणों को वक्त पर टीका नहीं लगाये जाने के कारण छह लोगों की मौत हुई है. उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर मांग की है कि इस घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये और घायलों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.
जानवर के हमले से पीड़ित पांच लोगों को एमवायएच भेजा
इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (M.Y.H.) के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने बताया कि अज्ञात जानवर के हमले से पीड़ित पांच लोगों को एमवायएच भेजा गया था, लेकिन वे दो दिन तक इलाज कराने के बाद चिकित्सक के परामर्श के विपरीत अस्पताल से चले गए.
एमवायएच, शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन है. महाविद्यालय के डीन (अधिष्ठाता) डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया,‘‘हमें संदेह है कि बड़वानी जिले के छह लोगों की मौत रेबीज के कारण हुई है. इसकी पुष्टि के लिए एक मृतक के मस्तिष्क के हिस्से को जांच के लिए दिल्ली की एक प्रयोगशाला भेजा गया है. इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.’’
अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात जानवर के हमले के बाद जान गंवा चुके लोगों की पहचान 60 साल की रायली बाई, 50 साल के मंशाराम छगन, 50 साल के सुरसिंह मलसिंह , 60 साल की सड़ी बाई , 50 साल के चैनसिंह उमराव और 40 साल के सुनील झेतरिया के रूप में हुई है.