MP Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर रहे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पांच नेताओं का टिकट बीजेपी ने काट दिया है. इसमें सिंधिया के कट्टर समर्थक और शिवराज सरकार में मंत्री ओपीएस भदौरिया का नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है. हालांकि, सिंधिया ओवरऑल बड़ी संख्या में अपने समर्थक जीते और हारे नेताओं को टिकट दिलाने में कामयाब हुए हैं.


यहां बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा अभी तक घोषित 228 उम्मीदवारों में दो दर्जन से अधिक सिंधिया समर्थकों को टिकट दिया गया है, लेकिन दिमनी से गिरिराज दंडोतिया (उप चुनाव में हार) मेहगांव से ओपीएस भदौरिया (उप चुनाव में जीत) दतिया से रक्षा सिरोनिया (उप चुनाव में जीत) करेरा से जसवंत जाटव (उप चुनाव में हार) और ग्वालियर से मुन्नालाल गोयल (उप चुनाव में हार) को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया टिकट दिलवाने में कामयाब नहीं हो पाए.


पार्टी ने सिंधिया के कट्टर समर्थक मुन्नालाल गोयल का टिकट काट कर माया सिंह को उम्मीदवार बनाया है. कहा जा रहा है कि पार्टी के इस फैसले पर सिंधिया की मौन सहमति है. इसी तरह सर्वे में बेहद खराब रिपोर्ट के कारण शिवराज सरकार में मंत्री ओपीएस भदौरिया का टिकट कट गया है. मुन्नालाल गोयल बीज विकास निगम के अध्यक्ष हैं और उन्होंने टिकट न मिलने पर निराशा जाहिर की है. सिंधिया समर्थक प्रद्युमन सिंह तोमर को पार्टी ने ग्वालियर से टिकट दिया है, जबकि रघुराज सिंह कंसाना को मुरैना, कमलेश जाटव को अंबार, जजपाल सिंह जज्जी को अशोकनगर से मैदान में उतारा है. उपचुनाव हार चुकी इमरती देवी को डबरा से फिर मौका मिला है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री रहे प्रभु राम चौधरी को सांची से, इंदौर जिले के सांवेर से तुलसीराम सिलावट और पोहरी से सुरेश धाकड़ को टिकट दिया गया है. 


सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सिसोदिया को बमोरी, गोविंद सिंह राजपूत को सुरखी, हरदीप सिंह डंग को सुवासरा से टिकट मिला है. इसी तरह विजेंद्र यादव को मुंगावली से प्रत्याशी बनाया गया है. भाजपा ने भितरवार से सिंधिया समर्थक मोहन सिंह राठौड़ को टिकट दिया है, जबकि बदनावर से राजवर्धन सिंह को भी टिकट मिल चुका है. सुमावली से एदल सिंह कंसाना को टिकट मिला है, जबकि मनोज चौधरी को देवास जिले से मैदान में उतारा गया है. कांग्रेस से बगावत करने वाले बिसाहू लाल सिंह को अनूपपुर से टिकट दिया गया है.


दरअसल, मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने की पटकथा साल 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों ने लिखी थी. उन्होंने पाला बदलकर सवा साल पुरानी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिरा दिया और बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार में हिस्सेदारी कर ली. इनमें विधायक प्रद्युमन सिंह तोमर, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, जजपाल सिंह जज्जी, इमरती देवी, प्रभु राम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदोरिया, रणवीर सिंह जाटव, गिरिराज दंडोतिया, जसवंत सिंह जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, हरदीप सिंह डंक, मुन्ना लाल गोयल, बृजेंद्र यादव, मोहन सिंह राठौड़, बिसाहू लाल सिंह, एदल कंसाना और मनोज चौधरी शामिल थे.


भविष्य का सितारा सिंधिया, टिकट बंटवाले में मिला स्पेशल ट्रीटमेंट


मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली कहते हैं कि भले ही पांच सिंधिया समर्थकों की टिकट कट गया है, लेकिन बीजेपी की सूची देखने के बाद यह साफ है कि उनका महत्व काफी बढ़ा है. न केवल ग्वालियर-चंबल बल्कि प्रदेश के और भी कई इलाकों में सिंधिया समर्थकों को बीजेपी की ओर से टिकट मिला है. यह पहली बार देखने को आया है कि बीजेपी की राजनीति में कोटा सिस्टम की शुरुआत भी हो गई है, जो अभी तक केवल कांग्रेस में हुआ करता था. बीजेपी में सिंधिया समर्थकों को स्पेशल ट्रीटमेंट मिला है. देव श्रीमाली कहते हैं कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की राजनीति के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया भविष्य का सितारा भी हो सकते हैं. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके निजी आमंत्रण पर ग्वालियर आए और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की तारीफ की वह गौर करने लायक है.


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