Bhopal News: मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए थोकबंद तबादलों ने मध्य प्रदेश की पढ़ाई व्यवस्था चौपट कर दी है. शिक्षा विभाग में तबादलों की प्रक्रिया के दौरान करीब 26 हजार शिक्षकों के ट्रांसफर हुए हैं. इतनी बड़ी संख्या में हुए थोकबंद तबादलों की वजह से मध्य प्रदेश के कई स्कूल शिक्षक विहिन हो गए हैं, जबकि वार्षिक परीक्षाओं के कुछ महीने ही शेष बचे हैं, ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी और उनके अभिभावक दोनों ही परेशान हैं. 


115 स्कूल शिक्षक विहीन
मध्य प्रदेश में तबादला नीति से सबसे अधिक विदिशा गुना और राजगढ़ जिला प्रभावित हुआ है. तीनों ही जिलों के 115 सरकारी स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं. यहां की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो गई है. हालांकि राजगढ़ जिले में हुए विरोध के बाद यहां अतिथि शिक्षकों की तैनाती की गई है. प्रदर्शन के दौरान नागरिकों का कहना था कि स्कूल शिक्षा विभाग ने बिना सोचे समझे ही शिक्षकों के तबादले कर दिए हैं.
 
49 हजार शिक्षकों ने मांगा था ट्रांसफर
स्कूल शिक्षा विभाग में तबादला नीति के तहत मध्य प्रदेश के 49 हजार से अधिक शिक्षकों ने अपनी मन माकिफ जगह ट्रांसफर मांगा था. इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन भी किए थे, हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान शिक्षा विभाग ने 26 हजार से अधिक शिक्षकों के तबादले किए थे. 23 हजार शिक्षकों के तबादले नहीं हो सके थे. इसके अलावा मध्य प्रदेश के गुना विदिशा और राजगढ़ जिला शिक्षा विभाग की इस तबादला नीति से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. विदिशा जिले के 55 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं. यहां के 194 शिक्षकों का तबादला कर दूसरी जगह भेज दिया है. विरोध के बाद कुछ स्कूलों में अब अतिथि शिक्षकों की तैनाती की गई है. 


इसी तरह गुना जिले की बात करें तो यहां भी 50 स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं. आरोन ब्लॉक के खिरनी, क्षेत्रपाल, हरिहरपुर चक, माध्यमिक विद्यालय हुसेनपुर, तिघरा, चांच, परासरी, पिपरिया जागीर, आंखखेड़ा, चीकरा, पाटन, कोरिया, हाई स्कूल खिरिया दांगी, देहरी कला सहित अनेक स्कूल शिक्षक विहीन हैं. इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय अभय वर्मा का कहना है कि स्थानांतरण नीति के तहत शिक्षकों का तबादला किया गया है. कहीं स्कूलों में परेशानी है तो उसका निराकरण किया जाएगा.


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