भारत एक कृषि प्रधान क्षेत्र है और इस बार कई राज्यों में भारी बारिश के बाद जो स्थिति बनी है वो किसानों के लिए भयावह है. इसको मद्देनजर रखते हुए मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
मोहन यादव ने बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित किसानों को राहत राशि वितरित की. एक क्लिक के जरिए 20 करोड़ रुपये की सहायता सीधे 17,500 किसानों तक पहुंचाई गई. इस फैसले को किसानों की मुश्किल घड़ी में सरकार के बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.
किसानों के लिए सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे सीमा पर जवान देश की रक्षा करता है, वैसे ही खेतों में किसान भी जान की बाजी लगाकर देश सेवा करता है. इस बार राज्य में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है. उन्होंने स्पष्ट किया कि “संकट में बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया” कहावत इस समय बिल्कुल सटीक बैठती है, क्योंकि पैसे से ही थोड़ी बहुत राहत संभव हो पाती है. उन्होंने इसे किसानों के साथ विश्वास और भरोसे के रिश्ते का प्रतीक बताया.
राहत पैकेज की घोषणा
मुख्यमंत्री ने राहत राशि बांटते हुए कहा कि यह पैसा किसानों के दर्द को पूरी तरह दूर नहीं कर सकता, लेकिन कुछ हद तक उनके बोझ को कम करने का जरिया बनेगा. उन्होंने बताया कि 20 करोड़ रुपये की यह राशि 17,500 किसानों के खातों में सीधे पहुंचाई गई है.
इस सहायता से 12,000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर प्रभावित हुई फसलों को लेकर किसानों को आंशिक सहारा मिलेगा. यह वितरण लगभग 11 स्थानों पर किया गया और इसके लिए तकनीक का उपयोग कर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया.
बीजेपी और मोदी सरकार पर भरोसा
डॉ. यादव ने किसानों को आश्वस्त किया कि संकट की घड़ी में उनकी सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि किसान बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा करते हैं.
मुख्यमंत्री ने इसे किसानों के प्रति अपनी सरकार की जिम्मेदारी और कर्तव्य बताया. साथ ही यह भी कहा कि राहत राशि पूरी राहत नहीं दे सकती, लेकिन यह कदम सरकार और किसानों के बीच विश्वास की डोर को मजबूत करता है.