Covid Guideline: धार्मिक नगरी उज्जैन ने एक बार फिर कोरोना के नए मामले ने रफ्तार पकड़ ली है. कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों की वजह से स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन भी सकते में है. ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में उज्जैन में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काफी मशक्कत करना पड़ सकती है. जिसके चलते उज्जैन प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है. कागजों तक सीमित है प्रशासन का आदेशउज्जैन में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जिले में शनिवार को भी पांच पॉजिटिव मामले सामने आए. इसके पहले शुक्रवार को भी पांच मामले सामने आ चुके हैं. उज्जैन में कोरोना की नई गाइडलाइन का पालन कराने के दावे किए जा रहे हैं. मगर धरातल पर स्थिति कुछ और ही है. उज्जैन में मास्क नहीं लगाने पर 200 रुपए का अर्थदंड के साथ-साथ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी निकल चुका है. किंतु यह आदेश भी केवल कागजों तक ही सीमित है. बाजार में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर भी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. इसी के चलते उज्जैन में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 18 हो गई है. अभी तक उज्जैन में 19000 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव निकल चुके हैं. यह आंकड़ा कोरोना की पहली और दूसरी लहर का है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि वर्तमान में सामने आ रहे कोरोना के आंकड़े तीसरी लहर की आहट है. तो आने वाले दिनों में कितने दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. एमपी की पहली मौत उज्जैन में जब कोरोना की पहली लहर आई थी, उस समय उज्जैन बड़ा हॉटस्पॉट बन कर सामने आया था. कोरोना से मध्य प्रदेश की पहली मौत राबिया बेन की हुई थी. राबिया बेन उज्जैन के केडी गेट इलाके में रहती थीं. यह भी एक वजह है कि कोरोना के लगातार बढ़ रहे मरीज जिला प्रशासन के लिए परेशानी बने हुए हैं. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक लोगों को समझा देने के बाद अब कार्रवाई का सिलसिला शुरू होने वाला है.

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