जबलपुर: मध्य प्रदेश में पश्चिम मध्य के 45 स्टेशनों पर स्थानीय खान-पान या लोककला से जुड़ी चीजें बेची जाएंगी. भारतीय रेल की 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना के तहत यह निर्णय लिया गया है. सीपीआरओ राहुल जयपुरियार के मुताबिक 'वोकल फ़ॉर लोकल' को बढ़ावा देने के लिए रेलवे बोर्ड की 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना का विस्तार करते हुए लगभग 1000 रेलवे स्टेशनों पर इसे लागू करने की योजना है. इसी कड़ी में पश्चिम मध्य रेल के तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल और कोटा के 45 रेलवे स्टेशनों पर 'एक "स्टेशन एक उत्पाद' योजना अमल में लाई जा रही है.

 

सीपीआरओ के मुताबिक स्थानीय उत्पाद और व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना लागू की गई है. इस योजना का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों और प्राचीन दुर्लभ कलाकृतियों को बढावा देना है. यह प्रयास इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमो के लिए रोजगार के बेहतर अवसर विकसित करने में मदद करेगा. इससे रेल यात्रियों को भी स्थानीय उत्पाद मिलेगा. 

 


जबलपुर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर शुरू की जा रही "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना
बता दें कि जबलपुर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना लागू की जा रही है. इसके अतंर्गत जबलपुर स्टेशन पर संगमरमर की मूर्ति और उसके उत्पाद, पिपरिया स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, सतना स्टेशन पर पापड़, अचार, मुरब्बा, आंवला, कैंडी सागर स्टेशन पर पूजन सामग्री,दमोह स्टेशन पर हर्बल प्रॉडक्टस, मड़वास ग्राम स्टेशन पर बांस के खिलौने, क्ले टॉय, कटनी स्टेशन पर पत्थर की नक्काशी (स्टोन कर्विंग), कटनी मुड़वारा स्टेशन पर टॉय एंड डॉल (खिलौने  और गुड़िया), मदन महल स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट्स, ब्यौहारी स्टेशन पर बताशा और करी,नरसिंहपुर स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट्स, करेली स्टेशन पर आर्गेनिक गुड़, सुहागपुर स्टेशन पर लकड़ी के खिलौने (वुडन टॉय), मैहर स्टेशन पर महिलाओं के पारंपरिक सामान और आभूषण (वूमेंस ट्रेडिशनल एसेसरीज एंड ज्वैलरी), गाड़रवारा स्टेशन पर रेशम के धागों से बने आभूषण (ज्वेलरी मेड फॉर सिल्क थ्रेड) स्टाल उपलब्ध होंगे.

 

भोपाल मंडल के रेलवे स्टेशनों पर भी जल्द शुरू होगी योजना
भोपाल मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर भी एक स्टेशन एक उत्पाद लागू करने की योजना है. इसके अतंर्गत हरदा स्टेशन पर बांस उत्पाद, इटारसी स्टेशन पर लकड़ी के खिलौने, जुट के सामान, होशंगाबाद स्टेशन पर स्मारिका, बांस के खिलौने, रानी कमलापति स्टेशन पर हथकरघा और साड़ी, भोपाल स्टेशन पर जरी जरदोजी शिल्प कला, विदिशा स्टेशन पर सांची का स्मृति चिन्ह, गंजबासौदा स्टेशन पर फ्लैगटोन टाइल्स, बीना स्टेशन पर जुट उत्पाद, अशोक नगर स्टेशन पर चंदेरी उत्पाद, गुना स्टेशन पर मसाला और हथकरघा, शाजापुर स्टेशन पर संतरा और उनके उत्पाद, बांस के हस्तशिल्प के खिलौने, ब्यावरा राजगढ़ स्टेशन पर हस्तशिल्प उत्पाद, रुठियाई स्टेशन पर हस्तशिल्प उत्पाद, शिवपुरी स्टेशन पर कपड़ा जैकेट, संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर बाघ प्रिंट और हथकरघा शिल्प स्टाल उपलब्ध होगा.

 

कोटा मंडल के रेलवे स्टेशनों पर योजना के तहत लगाए जाएंगे ये स्टॉल
कोटा मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद लागू करने की योजना है. इसके अतंर्गत भरतपुर स्टेशन पर कच्ची घानी सरसों का तेल, बयाना स्टेशन पर मीठे मलाई के लड्डू, श्री महावीरजी स्टेशन पर जैन दर्शन की साहित्य सामग्री, गंगापुर सिटी स्टेशन पर मीठी खीर मोहन, सवाई माधोपुर स्टेशन पर हस्तशिल्प मुद्रण आइटम, बूंदी स्टेशन पर बूंदी पेंटिंग, बारां स्टेशन पर मांगरोल हथकरघा कपड़ा, कोटा स्टेशन पर कोटा डोरिया साड़ी, डकनिया तलाव स्टेशन पर कोटा डोरिया सूट एवं दुपट्टा, झालावाड सिटी स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी,भवानी मंडी स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी, शामगढ़ स्टेशन पर हाथ से बने मसाले, चैमहला स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी, रामगंज मंडी स्टेशन पर आंवला कैंडी, हिंडौन सिटी स्टेशन पर मीठी मांग मूंग दाल बर्फी इत्यादि का स्टाल उपलब्ध होगा.


गौरतलब है कि पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल के रीवा स्टेशन, भोपाल मंडल के भोपाल स्टेशन तथा कोटा मंडल के कोटा स्टेशन पर "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना पहले से ही चल रही है. 

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