राजधानी स्थित एम्स भोपाल अब अत्याधुनिक तकनीक से लैस होने जा रहा है. यहां जल्द ही दा विंची रोबोटिक आर्म सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिससे मरीजों की जटिल सर्जरी एडवांस रोबोट की मदद से की जा सकेगी. यह पहल प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार हो रही है.
एम्स भोपाल यूरोलॉजी विभाग में लगाया जाने वाला यह सिस्टम एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स) की सामाजिक उत्तरदायित्व योजना और राइज प्रोजेक्ट (Robotic Assisted Intervention for Surgical Excellence) के तहत तैयार किया जा रहा है.
छोटे चीरे से सटीक ऑपरेशन
एम्स के पीआरओ डॉ. विक्रम वट्टी ने बताया कि स्त्री रोग संबंधी कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉइड्स और लाइफस्टाइल बीमारियों में यह तकनीक बेहद उपयोगी होगी. रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी छोटे चीरे से संभव होगी, जिससे मरीज को कम दर्द होगा, खून कम बहेगा और रिकवरी जल्दी होगी.
तीन हिस्सों में काम करेगा रोबोट
इस सिस्टम में एक कंसोल और दो रोबोटिक आर्म होंगे, जिन्हें डॉक्टर कंट्रोल करेंगे. खास बात यह है कि इसमें एक मोबाइल रोबोटिक आर्म भी रहेगा, जिसे कहीं भी ले जाकर इस्तेमाल किया जा सकेगा. यानी भोपाल का डॉक्टर विदेश में बैठे मरीज का भी ऑपरेशन कर सकेगा.
30 करोड़ की लागत
दा विंची रोबोटिक सिस्टम की कीमत करीब 30 करोड़ रुपये है. इसके इस्तेमाल से डॉक्टर बेहद जटिल हिस्सों तक आसानी से पहुंच पाएंगे और मरीजों के लिए यह तकनीक सुरक्षित व कारगर साबित होगी.