Bhopal News:  मध्य प्रदेश में होनहार छात्रों को दी जाने वाली मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (MMVY) में संशोधन किया जा रहा है. इस संशोधन से छात्र हित में योजना का दायरा बढ़ जाएगा और लाभार्थियों की संख्या में भी इजाफा होगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के विद्यार्थियों के हित में अहम निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई. बैठक में तय किया गया कि योजना से जुड़े विद्यार्थियों को अब उनके माता-पिता या पालक की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक होने पर भी लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा.

इन छात्रों को भी मिलेगा योजना का लाभगृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने योजना का लाभ लेने के लिए वार्षिक आय को 6 लाख तक सीमित कर दिया था. अब इस सीमा को खत्म कर दिया गया है. वहीं, लेटरल एंट्री के माध्यम से इंजीनियरिंग व फार्मेसी के सेकंड इयर कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को भी अब इस योजना का लाभ मिलेगा.

क्या है  MMVY योजनामुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई है. इसका उद्देश्य राज्य के मेधावी छात्र-छात्राओं को बेहतर उच्च शिक्षा प्रदान करना है. इस योजना के तहत राज्य के जिन मेधावी छात्र-छात्राओं ने माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं परीक्षा में 70% और सीबीएसई ओर आईसीएसई द्वारा आयोजित 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 85% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत स्नातक स्तर हेतु पढ़ाई के खर्च के रूप में प्रवेश शुल्क एवं वास्तविक शुल्क जो शुल्क विनियामक समिति, मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग और भारत सरकार या राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है, दिया जाता है. राज्य के इच्छुक लाभार्थी योजना की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर आसानी से आवेदन कर सकते हैं.

कौन कर सकता है योजना में आवेदनराज्य सरकार के समस्त शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय में संचालित समस्त पाठ्यक्रम एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले छात्र इस योजना में आवेदन करवा सकते हैं. इंजीनियरिंग हेतु जेईई मेंस परीक्षा में चयनित होने पर शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर पूरी फीस एवं अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर डेढ़ लाख रुपए अथवा वास्तविक शिक्षण शुल्क में से जो भी कम हो, प्रदान की जाती है.

नीट व MBBS की पढ़ाई के लिए भी मिलती है आर्थिक सहायताइसी तरह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए नीट प्रवेश परीक्षा के माध्यम से केंद्र अथवा राज्य शासन के मेडिकल अथवा डेंटल महाविद्यालय के एमबीबीएस बीडीएस पाठ्यक्रम अथवा मध्य प्रदेश में स्थित किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने पर भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

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