Lok Sabha Election 2024: एमपी के खजुराहो सीट पर अखिलेश-राहुल की राह मुश्किल या आसान? आंकड़ों से समझें
MP Lok Sabha Election 2024: सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत सपा खजुराहो लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन, इस सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ मानी जाती है. ऐसे में सपा-कांग्रेस की राहें आसान नहीं हैं.

MP: कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. गठबंधन उत्तर प्रदेश (UP) के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी हुआ है. मध्य प्रदेश (Madhya Prdaesh) की एक लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारेगी, जबकि बाकि 28 सीटों पर सपा कांग्रेस का समर्थन करेगी. खजुराहो लोकसभा सीट से फिलहाल बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) लोकसभा सांसद हैं. ऐसे में पिछले कुछ चुनावों के आंकड़ों से समझते हैं कि खजुराहो सीट पर सपा-कांग्रेस की राहें कितनी आसान या मुश्किल हैं?
सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी खजुराहो लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन इस सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ मानी जाती है. 2019 के चुनाव में बीजेपी के वीडी शर्मा ने कांग्रेस की कविता सिंह को यहां बड़े अंतर से हराया था, जबकि 1989 से 2019 के बीच हुए नौ लोकसभा चुनावों में से केवल एक बार 1999 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल की थी. बाकी के सभी आठ चुनावों में बीजेपी की जीत हुई थी. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी यहां से लगातार चार बार सांसद चुनी गई थीं.
2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस इस सीट पर दूसरे नंबर पर ही थी. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कविता सिंह नातीराजा को उम्मीदवार बनाया था. वहीं समाजवादी पार्टी ने वीर सिंह पटेल को टिकट दिया था. पिछले चुनाव में वीडी शर्मा को 810410 वोट मिले और उनकी जीत हुई. कांग्रेस की कविता सिंह नातीराजा को 318526 वोट मिले थे, जबकि सपा के वीर सिंह पटेल को 40029 वोट मिले थे.
वीडी शर्मा को मिला था इतने फीसदी वोट
वोट शेयर की बात करें तो वीडी शर्मा को 64.49 प्रतिशत और कविता सिंह को 25.34 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि वोट शेयर के लिहाज से सपा का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा था, क्योंकि वीर सिंह पटेल केवल 3.19 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाए थे.
खजुराहो संसदीय क्षेत्र जो 1957 में अस्तित्व में आया, यह मध्य भारतीय राज्य मध्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में से एक है. पूरे पन्ना जिले में फैली और छतरपुर और कटनी जिलों के कुछ हिस्सों को कवर करती है.
क्या है जातिगत सीमकरण?
भारत निर्वाचन आयोग 2009 की रिपोर्ट के अनुसार खजुराहो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 8) में कुल मतदाताओं की संख्या 1,349,511 है. इनमें से 722,631 मतदाता पुरुष हैं और बाकी 626,880 महिला वोटर्स हैं. खजुराहो लोकसभा सीट सपा के खाते में जाने की खास वजह जातिगत समीकरण मानी जा रही है. दरअसल इस सीट पर ओबीसी खास तौर पर यादव मतदाताओं की बड़ी संख्या है. इसके अलावा इस सीट के तहत आने वाली कई विधानसभा सीटों की सीमा उत्तर प्रदेश से लगी है.
ऐसे में कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों के तहत ही सपा को यह सीट दी है, ताकि बीजेपी को यहां घेरा जा सके. खजुराहो लोकसभा सीट में आठ विधानसभा सीटें आती हैं. 2023 के चुनावों में सभी सीटों पर बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. ऐसे में यहां सपा-कांग्रेस गठबंधन की राह आसान नहीं होने वाली हैं.
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