MP Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया. जिससे आम चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए सियासी संकट के तौर पर देखा जाने लगा. हालांकि छिंदवाड़ा की सियासत में एक बार फिर नया मोड़ आया है. जब मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने बिखरते कुनबे को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी.
पूर्व मुख्मंत्री कमलनाथ ने मंगलवार (2 अप्रैल) को पूर्व और करीबी नेता दीपक सक्सेना के घर पहुंचे. इस दौरान पूर्व सीएम कमनलनाथ अकेले नहीं थे, बल्कि उनके साथ जिले के पांच कांग्रेसी विधायक भी थे जो दीपक सक्सेना के घर पहुंचे. जहां बंद कमरे में कमलनाथ ने दीपक सक्सेना के साथ के चर्चा की. इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में कयासआराई का दौर शुरू हो गया है.
बता दें, दीपक सक्सेना का शुमार कमलनाथ के करीबी नेताओं में होता रहा है. साल 2019 विधानसभा चुनाव में दीपक सक्सेना ने छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ के लिए छोड़ दी थी. कांग्रेस की मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद दीपक सक्सेना ने पिछले माह कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया था.
दीपक सक्सेना के पुत्र बीजेपी में हो चुके हैं शामिलइससे पहले उनके पुत्र अजय सक्सेना बीजेपी में शामिल हो गए. अजय सक्सेना के साथ कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के चार सौ अन्य कांग्रेस के नेता, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं भी बीजेपी में शामिल हो गए. आम चुनाव से ठीक पहले दीपक सक्सेना और अजय सक्सेना के साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पार्टी छोड़ने को कांग्रेस और कमलनाथ के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
कांग्रेस छोड़ने की दीपक सक्सेना ने बताई थी ये वजहइंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, दीपक सक्सेना ने कांग्रेस छोड़ते समय कमलनाथ और पार्टी से किसी भी तरह की अनबन की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था. इस मौके पर उन्होंने कहा कि था, "मेरा बेटा (अजय सक्सेना) बीजेपी में शामिल हो गया है. हालांकि मैं ने उसे ऐसा फैसला लेने से काफी रोका था. मुझे नहीं मालूम कि अजय सक्सेना ने कांग्रेस क्यों छोड़ दी."
दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के सवाल पर कहा कि इससे पहले लोग कहना शुरू करे कि पिता-पुत्र दोनों अलग-अलग पार्टी से वोट मांग रहे हैं, इसलिए मैंने पार्टी छोड़ दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के अलावा मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं बचा था.
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