MP Liquor Ban: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट ने शुक्रवार (24 जनवरी) को राज्य के धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण 17 शहरों में शराब की दुकानें बंद करने का फैसला किया है. वहीं इन 17 शहरों में शराबबंदी के बाद ये सवाल उठने लगे कि क्या मध्य प्रदेश सरकार पूरे राज्य में शराबबंदी लागू करेगी. इस पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि आगे इस तरह के फैसले पर विचार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "हमारे सामने गुजरात और बिहार का उदाहरण है, लेकिन हमने अपने प्रदेश की व्यवस्था को देखते हुए अभी प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी का फैसला किया है. आगे प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी पर विचार करेंगे. हमें विश्वास है कि रेवेन्यू का जो नुकसान होगा हम उसकी भरपाई कर लेंगे."

खरगोन के महेश्वर में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य में शराब की लत को खत्म करने के लिए पहले कदम के तौर पर 17 पवित्र शहरों में शराब की दुकानें बंद की जाएंगी. ये दुकानें किसी अन्य जगह पर स्थानांतरित नहीं की जाएंगी. उज्जैन नगर निगम की सीमा में शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी."

यहां रहेगी शराबबंदीसीएम मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगे कहा, "जिन क्षेत्रों में शराब की दुकानें बंद की जाएंगी वे दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और मैहर नगर पालिकाओं के साथ-साथ ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक नगर परिषदों का हिस्सा हैं.

'5 किलोमीटर के दायरे में रहेगा बैन'मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ये भी बताया कि इन छह ग्राम पंचायतों में सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, कुंडलपुर, बांदकपुर और बरमान खुर्द शामिल हैं. सीएम यादव ने बताया कि नर्मदा नदी के पांच किलोमीटर के दायरे में शराब पर प्रतिबंध जारी रहेगा.

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