MP News: भीषण गर्मी (Summer) के बीच नींबू (Lemon) पानी एक ऐसा अचूक उपाय है जिसे पीकर गर्मी से राहत मिलती है. लेकिन इन दिनों उज्जैन (Ujjain) में नींबू पानी पीना सहज नहीं रहा है. नींबू के भाव 30 गुना अधिक बढ़ गए हैं और यह आम आदमी की पहुंच से धीरे-धीरे दूर हो गया है. इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण सामने आ रहा हैं.
क्या हैं भावरसोई घर में नींबू एक ऐसी वस्तु है जिसकी डिमांड वर्ष भर बनी रहती है. लेकिन इन दिनों नींबू के भाव सुनकर ही लोगों के पसीने छूट रहे हैं. वर्तमान समय में नींबू महाराष्ट्र से आ रहा है. उज्जैन की सब्जी मंडी के थोक व्यापारी शरीफ खान के मुताबिक नींबू का भाव लगातार एक महीने तक यही बने रहेंगे. व्यापारी शरीफ खान ने बताया कि हर साल गर्मी के दिनों में नींबू के भाव बढ़ जाते हैं लेकिन इस बार आसमान पर पहुंच गए हैं. महाराष्ट्र का निंबू 200 से 300 रूपए किलो तक होलसेल में बिक रहा है. यही नींबू फुटकर में 300 से 400 रूपए किलो तक बेचा जा रहा है. ऐसी स्थिति में एक नींबू 15 से 20 रूपए का पड़ रहा है.
क्यों बढ़े हैं भावथोक व्यापारी शरीफ खान के मुताबिक इन दिनों नींबू की डिमांड काफी बढ़ गई है. जहां सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व चल रहा है. वहीं मुस्लिम समाज में रोजे चल रहे है. सभी वर्गों की ओर से नींबू की डिमांड काफी अधिक आ रही है. इसके एवज में पूर्ति सीमित है. मांग और पूर्ति के नियम अनुसार यदि मांग अधिक बढ़ जाती है और पूर्ति कम रहती है तो भी दाम बढ़ जाते हैं. इसके अलावा डीजल के दाम बढ़ने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ गया है. माल भाड़ा बढ़ने के कारण भी नींबू के भाव बढ़ गए है.
क्या बोले खरीदारसब्जी मंडी पहुंची लता चौधरी ने बताया कि नींबू का कोई विकल्प नहीं है. यदि लाल मिर्ची के दाम बढ़ जाए तो काली मिर्च और हरी मिर्च का उपयोग हो सकता है. दूसरी तरफ नमक के मामले में काले नमक का भी उपयोग किया जा सकता है, मगर नींबू की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. इसी वजह से महंगे दामों पर भी नींबू की खरीदी करनी पड़ रही है. नींबू खरीदने के लिए लोगों को सब्जी मंडी जाना पड़ रहा है. छोटे व्यापारी फुटकर में बेचने के लिए नींबू खरीदने को तैयार नहीं है.
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