Khargone Road Accident: खरगोन में महिला की तेरहवीं पर मृत्युभोज न देकर परिजनों ने हेलमेट बांटकर जिंदगी अनमोल होने का संदेश दिया. परिजनों का मानना है कि हेलमेट लगाने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी. शायद बाइक सवार की जिंदगी बच जाए. परिजनों ने कहा कि सड़क दुर्घटना में किसी मां की कोख सूनी हो जाती है, बहन से भाई बिछड़ जाता है और घर का चिराग बुझ जाता है.


इसलिए उन्होंने समाज में संदेश देने के लिए मृत्युभोज की जगह हेलमेट बांटने का फैसला किया. ग्राम झिरन्या में 40 वर्षीय दिव्यांग महिला सड़क हादसे का शिकार हो गई थी. परिजनों को बेटी के हेलमेट नहीं पहनने पर अफसोस है. उनका मानना है कि हेलमेट पहनने से बेटी की शायद जान बच जाती.


तेरहवीं पर मृत्युभोज की जगह बांटे हेलमेट 


भाई मंगलेश पंवार ने बताया कि अविवाहित दिव्यांग रेखा परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सिलाई का काम करती थी. सिलाई मशीन ठीक कराने के लिए बाइक से खंडवा जा रही थी. बहन के साथ भाई भी साथ सिलाई मशीन लेकर जा रहा था. ग्राम आभापुरी के पास वाहन सड़क हादसे का शिकार हो गया. अचानक जानवर आने से रेखा का संतुलन बिगड़ गया. सड़क पर नीचे गिरने से रेखा को सिर पर गंभीर चोट आई. हादसे के बाद रेखा को खंडवा सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.







सड़क हादसे का शिकार हो गई थी महिला


हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने इंदौर के एमवाई हॉस्पिटल रेफर कर दिया. एमवाय अस्पताल में इलाज के दौरान रेखा को बचाया नहीं जा सका. दुर्घटना के समय महिला ने हेलमेट नहीं पहना था. इसलिए परिजनों ने मृत्युभोज नहीं करवाते हुए रेखा की तेरहवीं के कार्यक्रम में 40 हेलमेट बांटे. रेखा के भाई मंगलेश पंवार का कहना है कि सड़क दुर्घटना में रेखा की मौत का कारण सिर पर चोट लगना था. अगर रेखा ने हेलमेट पहना होता तो शायद आज जिंदा होती. 


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