कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार (4 अक्टूबर) को कहा कि छिंदवाड़ा में मिलावटी खांसी की दवा के सेवन के बाद "किडनी के काम करना बंद कर देने" के कारण जान गंवाने वाले बच्चों के परिवारों को मध्यप्रदेश सरकार को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री एवं छिंदवाड़ा से वर्तमान विधायक नाथ का यह बयान मुख्यमंत्री मोहन यादव नीत सरकार की ओर से 14 मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा के बाद आया है.
पूर्व मुख्यमंत्री एवं छिंदवाड़ा से वर्तमान विधायक नाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘‘जहरीला कफ सिरप पीने से अब तक छिंदवाड़ा में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. दुख की इस घड़ी में मेरी भावनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं.’’ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगे कहा, ‘‘लेकिन यह याद रखना होगा कि यह महज दुर्घटना नहीं, बल्कि मानव निर्मित त्रासदी है. मैं मध्यप्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि एक-एक मृत बच्चे के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.’’
बीमार बच्चों के इलाज का खर्च उठाए सरकार
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने यह भी कहा कि जो बच्चे अभी भी अस्वस्थ हैं, उनके इलाज का खर्च वे अपने पास से उठा रहे हैं और सरकार की ओर से कोई उचित सहायता नहीं मिली है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार से आग्रह किया कि सभी बीमार बच्चों के उपचार का पूरा खर्च सरकार उठाए.
जहरीली दवाओं पर कड़ा नियंत्रण जरूरी
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह भी कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि प्रदेश में किस तरह की दवाओं की बिक्री हो रही है. उन्होंने कहा, ‘‘नकली और जहरीली दवाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की जरूरत है ताकि प्रदेश में इस तरह की त्रासदी दोबारा देखने को ना मिले.’’