Madhya Pradesh Congress: कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपनी विदाई से खुश नहीं हैं. दो दिन पहले दिल्ली से हुए नए पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष के नामों के ऐलान ने उन्हें चौंका दिया. हालांकि, कमलनाथ मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में हुई बैठक के दौरान ही अपना इस्तीफा दे चुके थे, लेकिन उस वक्त पार्टी आलाकमान ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा था.


मध्य प्रदेश के राजनीतिक जानकार कहते हैं कि कमलनाथ की नाराजगी उनके सोशल मीडिया X पर किए ट्वीट से भी समझी जा सकती है. कमलनाथ ने लिखा, "कांग्रेस के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल, प्रदेश के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उपनेता हेमंत कटारे को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को मेरा सहयोग हमेशा मिलता रहेगा."



राजनीतिक जानकार कहते हैं की कमलनाथ का नए अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे को बधाई देना तो समझ में आ रहा है लेकिन उनके साथ मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल और विधानसभा चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को भी बधाई देना हजम नहीं हो रहा है. कहा जा रहा है कि कमलनाथ इस फैसले से बेहद नाराज हैं. पार्टी ने भी जीतू पटवारी की पीसीसी चीफ के रूप में नियुक्ति करके सबको चौंका दिया था.


पार्टी सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ की विदाई में पर्दे के पीछे के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की रिपोर्ट रही जो उन्होंने पार्टी हाई कमान को चुनाव में हार के बाद सौंपी थी. इसी वजह से कमलनाथ ने तंज करते हुए अपने बधाई संदेश में के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला का भी जिक्र किया है. कमलनाथ ने अलाकमान को अपनी नाराजगी का संदेश भिजवाया है कि यदि उन्हें विदाई देनी ही थी तो उनका इस्तीफा उसी वक्त स्वीकार कर लेना था जब उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान इसकी पेशकश की थी.


एमपी नहीं छोड़ने वाले थे कमलनाथ, दिग्विजय ने साधी चुप्पी


गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा बैठक के बाद से कमलनाथ लगातार यह कहते रहे कि वह मध्य प्रदेश नहीं छोड़ रहे हैं और प्रदेश में अगला लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस पार्टी लड़ने जा रही है. कमलनाथ की विदाई के बाद प्रदेश के दूसरे दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी चुप्पी साध रखी है.


हालांकि, कमलनाथ की नाराजगी से इतर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ का स्थान लेने वाले पटवारी ने कहा, 'कमलनाथ हमारे नेता हैं. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के सामूहिक नेतृत्व और मार्गदर्शन में कांग्रेस आगे बढ़ेगी. कांग्रेस के इतिहास में गुटबाजी का अंत पहले ही हो चुका है. मुझ जैसे छोटे-से कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने पर मैं कांग्रेस आलाकमान को धन्यवाद देता हूं.'


कांग्रेस तैयार कर रही मध्य प्रदेश में नया पार्टी नेतृत्व


वहीं, कांग्रेस आलाकमान ने भविष्य को देखते हुए मध्य प्रदेश में अपनी दूसरी पंक्ति के नेताओं को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए ओबीसी नेता जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष, आदिवासी नेता उमंग सिंगार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और ब्राह्मण नेता हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. नए पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी उज्जैन में महाकाल के दर्शन के बाद मंगलवार 19 दिसंबर को भोपाल आकर अपना पद संभालेंगे.


इस दौरान नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पार्टी के बड़े नेताओं से आशीर्वाद लेने का सिलसिला भी शुरू कर दिया है. उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा से भी भेंट की. विवेक तंखा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा,"नव नियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ⁦जीतू पटवारी⁩ जी का मेरे निवास में स्वागत. बधाई के साथ उन्हें साधुवाद दिया. एक सफल कार्यकाल के लिए. 19 दिसंबर को पीसीसी पहुंच कर एक पारिवारिक सदस्य के नाते आशीर्वाद फिर दूंगा."


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