Jabalpur News: जबलपुर की महत्वाकांक्षी नर्मदा पथ प्रोजेक्ट (Narmada Path Project) के लिए रेलवे (Indian Railways) की डिमांड से नगर निगम (Nagar Nigam) को पसीना आ रहा है. रेलवे ने जमीन देने के बदले जबलपुर नगर निगम से 636 करोड़ रुपये की मांग की है. नगर निगम जमीन के बदले जमीन देने को तैयार है लेकिन रेलवे को शर्त मंजूर नही है. बता दें कि जबलपुर में जिस जमीन पर नर्मदा पथ बनाने की योजना है, उस पर साल 2015 तक नैरोगेज की ट्रेनें चला करती थीं. साल 2017 में नैरोगेज की जगह ब्रॉडगेज बनने से जमीन खाली हो गई है. इस जमीन का मालिकाना हक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के पास है.


रेलवे की डिमांड पर नगर निगम को छूटा पसीना


जबलपुर में नैरोगेज का ट्रैक बंद होने के बाद खाली हुई 68 एकड़ जमीन पर नगर निगम ने नर्मदा पथ बनाने की योजना बनाई थी. नगर निगम ने नर्मदा नदी ग्वारीघाट तट तक के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के उद्देश्य से नैरोगेज की जमीन रेलवे से मांगी. प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन देने के बदले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने जबलपुर नगर निगम से 636 करोड़ रुपयों की राशि किस्तों में मांगी है.


रेलवे 35 साल की लीज पर जमीन देने को तैयार हुआ है. हालांकि, प्रोजेक्ट के लिए जरूरी 68 एकड़ जमीन के बदले रेलवे को गधेरी गांव के पास 108 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव नगर निगम ने दिया था. रेलवे ने गधेरी की जमीन को अनुपयोगी बताकर जबलपुर नगर निगम का प्रस्ताव नकार दिया है.




नर्मदा पथ प्रोजेक्ट के लिए जमीन की है जरूरत


जबलपुर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू का कहना है कि आदि शंकराचार्य चौक से ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन तक नैरोगेज की जमीन पर सीधी सड़क बनाई जा सकती है. इस प्रस्तावित वैकल्पिक मार्ग से सीधे नर्मदा नदी के ग्वारीघाट तक पहुंचना आसान हो जाएगा. अब रेलवे की तरफ से किश्तों में 636 करोड़ रुपयों की डिमांड पर नगर निगम के हाथ पांव फूल रहे हैं. महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान से दखल देने की अपील की है.




महापौर ने जबलपुर जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जमीन के दस्तावेज चेक करे. अगर यह जमीन कभी राजस्व विभाग की तरफ से रेलवे को दी गई थी तो उसका मालिकाना हक लीज रेंट के साथ नगर निगम को दिया जाए ताकि नर्मदा पथ का प्रोजेक्ट पूरा किया जा सके. महापौर ने प्रोजेक्ट को जबलपुर का विकास के लिए बेहद अहम बताया है और मामले में शासन-प्रशासन से दखल देने की मांग की है.


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