Jabalpur News: ओमिक्रोन के साथ कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए जबलपुर जिले में बुजुर्गों की सेहत पर खास नजर रखी जा रही है. 60 साल से अधिक आयु के कोमारबिडिटी (गंभीर बीमारी) वाले बुजुर्गों से कोरोना कंट्रोल रूम द्वारा मोबाइल फोन पर संपर्क कर उनके स्वास्थ की जानकारी ली जा रही है. इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में 50 फीवर क्लिनिक भी शुरू किये जा रहे हैं.
प्रशासन ने 50 हजार से ज्यादा बुजुर्गों को पहले ही किया है चिन्हित
कोरोना के संक्रमण से गंभीर रोगों से पीड़ित बुजुर्गों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा एक बार फिर वृद्धजन सुरक्षा अभियान प्रारम्भ किया गया है. कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि इस अभियान के तहत दूसरी लहर के दौरान चिन्हित 60 वर्ष से अधिक आयु के कोमारबिडिटी वाले बुजुर्गों से कोरोना कंट्रोल रूम द्वारा मोबाइल फोन पर संपर्क कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है. ऐसे बुजुर्गों को समय पर दवाईयां लेने और घर पर ही रहने तथा सभी जरूरी सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है. सर्दी-खांसी या बुखार के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल समीप के फीवर क्लीनिक जाकर चिकित्सकीय परामर्श लेने का आग्रह किया जा रहा है ताकि समय पर समुचित उपचार प्रारंभ हो सके और आवश्यकता हो तो हॉस्पिटलाइजेशन में देर न हो.
ज्ञात हो कि कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की पहल पर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में चलाये गये वृद्धजन सुरक्षा अभियान के काफी सकारात्मक परिणाम दिखाई दिये थे. पिछली बार चलाये गये इस अभियान में 60 वर्ष से अधिक की आयु वाले करीब 50 हजार से अधिक कोमारबिडिटी वाले वृद्धजनों को चिन्हित करके उनका डेटा संकलित किया गया था.
शहर में 50 और फीवर क्लीनिक खुलेंगे
कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुये शहर में फीवर क्लीनिक की संख्या बढ़ाकर 50 की जा रही है. फीवर क्लीनिक बढ़ाने के निर्देश कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने दमोह नाका स्थित कोरोना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के अधिकारियों को दिये हैं. नये फीवर क्लीनिक शहर के प्रमुख स्थानों एवं नगर निगम द्वारा संचालित सामुदायिक भवनों में खोले जायेंगे. शहर में वर्तमान में 30 फीवर क्लीनिक संचालित किये जा रहे हैं. फीवर क्लीनिक की संख्या बढ़ाने का उद्देश्य लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देने पर उपचार और टेस्ट कराने की सुविधा पास ही उपलब्ध कराने के हैं. इससे ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट भी हो सकेंगे तथा मौजूदा फीवर क्लीनिकों का भार भी कम होगा. कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्टॉफ की नियुक्ति कर नये फीवर क्लीनिक शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिये हैं.
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