Indore Temple Collapse: इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई. वहीं अब निजी मंदिर प्रबंधन की लापरवाही आई सामने आई है. निजी मंदिर में निर्माण को लेकर एक साल पहले प्रशासन ने आपत्ति जताई थी. साथ ही बावड़ी पर निर्माण को लेकर भी प्रशासन ने सवाल उठाए थे. निजी मंदिर ने निर्माण कार्य रोकने की बजाय इसे जीर्णोद्धार बता दिया था.

लापरवाही बनी हादसे का कारणजानकारी के मुताबिक सरकार की आपत्ति के बाद भी मंदिर में निर्माण कार्य किया जा रहा था. बिना स्वीकृति निर्माण ही हादसे का कारण बना. चेतावनी के बाद भी मंदिर प्रबंधन ने प्रशासन ने अनदेखी की. मंदिर प्रबंधन उल्टा प्रशासन पर हिंदू धर्म की भावना आहत करने का आरोप लगाता रहा. वहीं अब लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हो गया. 

एक साल पहले जारी हुआ था नोटिसइंदौर नगर पालिका निगम ने 2 महीने पहले ही मंदिर को नोटिस जारी किया था. अतिक्रमण हटाने को लेकर ये नोटिस जारी किया गया था. अतिक्रमण मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवराम गलानी को ये नोटिस दिया गया था. वहीं एक साल पहले भी मंदिर ट्रस्ट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.

अब तक 35 की मौतबता दें कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुए इस हादसे में अब तक 35 लोगों की जान चली गई है. मरने वालों में 18 महिलाएं और लड़कियां हैं. अभी भी बावड़ी के मलबे में दबे बाकी लोगों की तलाश जारी है. कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. महू से आए सेना के जवान मलब में दबे लोगों को खोजने में जुटे हैं. साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. अपनों की तलाश में लोग परेशान हैं.

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