इंदौर: मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि एक सप्ताह में आरक्षण नोटिफाई किया जाए. इसके अगले सप्ताह चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जाए. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही इंदौर के बीजेपी कार्यालय में जश्न मनाए गया. 


सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया है


दरअसल सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक आरक्षण किसी भी स्थिति में 50 फीसदी से अधिक नहीं होगा. सरकार ने OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की थी. इस पर 17 मई को भी सुनवाई हुई. बीजेपी ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है. सरकार ने OBC आरक्षण देने के लिए 2011 की जनसंख्या के आंकड़े प्रस्तुत किए थे. इसके अनुसार प्रदेश में OBC की आबादी 51 फीसदी बताई गई है. सरकार का मानना था कि इस आधार पर OBC को आरक्षण मिलता है, तो उसके साथ न्याय हो सकेगा. वहीं दूसरे पक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार की ओर से कोई लापरवाही भी होती है तो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को उसका संवैधानिक अधिकार (आरक्षण) मिलना चाहिए.


बीजेपी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे ने बताया कि मध्य प्रदेश व ओबीसी समाज के लिए ऐतिहासिक दिन है. कोर्ट के आदेश के बाद यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस की ओबीसी विरोधी नीति है, वहीं मध्य प्रदेश शिवराज सरकार की प्रतिबद्धता थी कि ओबीसी समाज कैसे आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रम फैला रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना कर कांग्रेस की ओबीसी विरोधी नीति को उजागर किया है.


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