मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार (4 नवंबर) को ऐलान किया कि इंदौर में चल रही मेट्रो रेल परियोजना में बड़ा बदलाव किया गया है. अब शहर के सघन आबादी और व्यावसायिक इलाकों से गुजरने वाले मार्ग पर मेट्रो को भूमिगत (अंडरग्राउंड) लाइन से ले जाया जाएगा.
भूमिगत मार्ग पर सर्वसम्मति से फैसला
इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर सोमवार को समीक्षा बैठक हुई. बैठक के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “हमने सर्वसम्मति से निर्णय किया है कि अब मेट्रो रेल खजराना चौराहे से पलासिया चौराहा होते हुए बड़ा गणपति क्षेत्र तक भूमिगत मार्ग से ही जाएगी.”
उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि घनी आबादी और व्यावसायिक इलाकों में लोगों को होने वाली असुविधा को रोका जा सके.
स्थानीय लोगों के विरोध के बाद लिया गया निर्णय
मेट्रो प्रोजेक्ट का काम 2019 से चल रहा है, लेकिन कुछ सघन इलाकों में लोगों ने इसका विरोध किया था. उनका कहना था कि मेट्रो का ऊपरी ट्रैक बनने से ट्रैफिक, कारोबार और रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होगी.
इन्हीं विरोधों और तकनीकी अड़चनों को देखते हुए सरकार ने अब इस हिस्से को भूमिगत करने का फैसला किया है.
'परियोजना की लागत बढ़ेगी, लेकिन गलती नहीं दोहराएंगे'
विजयवर्गीय ने बताया कि इस बदलाव से परियोजना की लागत में कुछ वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हुई, तो मेट्रो रेल लाइन की योजना में बदलाव से जुड़े इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहमति से मंत्रिमंडल की बैठक में भी रखा जाएगा.
मंत्री ने यह भी माना कि पहले की योजना में कई चौराहों पर गलत डिजाइन की वजह से सड़क की सुंदरता और ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि पिछली गलतियों को दोहराया नहीं जाएगा.
6 किलोमीटर रास्ते पर परिचालन शुरू
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर मेट्रो के पहले चरण में गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर स्टेशन क्रमांक-तीन तक लगभग छह किलोमीटर लंबे मार्ग पर वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो चुका है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई को देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती पर इस पहले चरण का शुभारंभ किया था.
31 किलोमीटर लंबा होगा पूरा गलियारा
अधिकारियों के अनुसार, इंदौर में कुल 31.32 किलोमीटर लंबा मेट्रो रेल गलियारा तैयार किया जाना है. मूल योजना के अनुसार, परियोजना की अनुमानित लागत 7,500.80 करोड़ रुपये है.
शहर में कुल 28 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जो 35 लाख से अधिक आबादी वाले इस शहर में सार्वजनिक परिवहन को तेज, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बनाएंगे.