Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) जिले में सरपंच की हत्या के मामले में फरार ईपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत को पुलिस ने मुंबई एयरपोर्ट के पास से गिरफ्तार किया है. पुलिस की टीम ईपीएफ कमिश्नर को लेकर आज बुधवार की दोपहर तक ग्वालियर पहुंचेगी. आरोपी अधिकारी पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. इपीएफ कमिश्नर पर आरोप है कि, उन्होंने सुपारी देकर सरपंच की हत्या करवाई थी.


ग्वालियर के एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि, नौ अक्टूबर को शहर के पड़ाव स्थित कांति नगर में आरोन बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत की हमलावरों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में चार नामजद आरोपियों सहित 13 लोगों पर हत्या और हत्या की साजिश का मामला दर्ज किया गया था. इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंदौर के ईपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत को बताया गया था. पहले पुलिस ने सभी हमलावरों को हिरासत में ले लिया था, लेकिन ईपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत फरार हो गए थे. वहीं पिछले दो महीने से पुलिस को ईपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत की तलाश थी. 


क्या है पूरा मामला?
वहीं अब पक्की सूचना के बाद सरपंच आरोपी मुकेश रावत को क्राइम ब्रांच और पड़ाव पुलिस की एक टीम ने मुंबई एयरपोर्ट के पास से सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया. उसे लेकर पुलिस टीम ग्वालियर के लिए रवाना हो गई है. बुधवार दोपहर तक आरोपी को लेकर पुलिस ग्वालियर पहुंच जाएगी. दरअसल, बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत के भाई की हत्या दो साल पहले हुई थी. उस हत्याकांड में ईपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत और उनके अन्य परिजन सहित 13 आरोपियों के नाम थे. सरपंच विक्रम रावत ही इस पूरे मामले में कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे थे. वह हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आरोपियों की जमानत को कैंसल कराने के लिए केस लड़ रहे थे. ऐसे में इस साल नौ अक्टूबर को मुख्य आरोपी की जमानत को लेकर कोर्ट में सुनवाई थी.


वर्चस्व की लड़ाई में गई जान
वहीं सुनवाई से पहले विक्रम सुबह 9 बजे पड़ाव थाना स्थित कांति नगर में अपने वकील से मिलने गया था. जब वह कार से उतरकर पीछे वाली सीट पर रखे दस्तावेज उठा रहा था, उस बीच बाइक सवार हमलवरों ने उसे गोलियों से भून दिया. इस दौरान आसपास खड़े और हमलावर भी आ गए. विक्रम को कुल 8 गोलियां मारी गई थी. उसे पांच गोलियां सिर में और तीन गोलियां पेट और सीने में लगी थी. इस हत्याकांड में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें इंदौर के ईपीएफ कमिश्नर मुकेश रावत का नाम भी शामिल था. मुकेश रावत भी बन्हेरी गांव का रहने वाला है. दोनों परिवारों में सालों से वर्चस्व की लड़ाई चली आ रही थी. इस मामले में मुख्य शूटर को पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर में पकड़ा था.



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