Indore Cyber Frauds Case: इंदौर में फर्जी तरीके से एक डॉक्टर को 24 घंटे के लिए डिजिटल हाउस अरेस्ट का एक और मामला सामने आया. साइबर अपराधियों ने एक बार फिर एक डॉक्टर को निशाना बनाया और उन्हें धमकी देकर और झूठे मामले में फंसाने के डर से 3 लाख रुपये की ठगी कर ली. बताया गया कि उनके द्वारा थाईलैंड के लिए एक पार्सल बुक किया गया है जो पार्सल कस्टम द्वारा पकड़ लिया गया है और पार्सल में ड्रग्स मिली है.


एडिशनल डीसीपी (क्राइम) राजेश दंडोतिया ने मीडिया को बताया कि डॉ.कश्यप शाह अपने पिता के साथ पुलिस कार्यालय पहुंचे और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई. शाह ने बताया की उन्हें बीते दिनों एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था, जिसने बताया कि उनके (डॉ. कश्यप) नाम पर थाईलैंड के लिए एक पार्सल बुक किया गया था. पार्सल को कस्टम ने रोक लिया है, बताया गया की इसमें ड्रग्स ले जाया जा रहा था. उसने शिकायतकर्ता को यह भी बताया कि उसका विवरण मानव तस्करी मामले में भी मिला है.


डॉक्टर पर लगाया मानव तस्करी का आरोप
कॉल करने वाले ठग ने डॉ का भरोसा जीतने के लिए उनके बारे में कुछ जानकारी भी दी. बाद में सवालों के जवाब में डॉ.कश्यप ने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा. इधर ठगौरों ने उनसे कहा कि अभी कई जांच एजेंसियां मामले की जांच कर सकती हैं, क्योंकि पार्सल में ड्रग्स थी और वहीं डॉक्टर पर मानव तस्करी करवाने का आरोप भी लगाया गया. इसके बाद डॉक्टर फोन करने वाले ठग को असली समझ कर डर गए. साइबर अपराधी ने उन्हें आगे बताया कि साइबर सेल के अधिकारी भी उनका बयान दर्ज करेंगे.


डॉ.कश्यप इसके लिए सहमत हो गए और बाद में उन्हें स्काइप से एक वीडियो कॉल आया, जहां उन्हें धमकी दी गई कि कई एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं, इसलिए उन्हें वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा होने तक वीडियो कॉल पर ऑनलाइन रहना होगा. पीड़ित डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि फोन करने वाले ने उन्हें वहां से जाने नहीं दिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह उनके क्लिनिक में न जाएं. डॉक्टर करीब 24 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रहे.


साइबर ठगों ने डॉक्टर से कहा कि यदि वह उन्हें पार्सल राशि का 90 प्रतिशत भुगतान करता है तो वे उसके खिलाफ कार्रवाई करना बंद कर सकते हैं. शिकायतकर्ता बैंक पहुंचा और आरोपी द्वारा दिए गए बैंक खाते में 3 लाख रुपये डाल दिए.


डॉक्टर से करें संपर्क
डॉ.कश्यप ने पुलिस को बताया कि उन्होंने साइबर अपराधी को अपना पहचान पत्र,बैज आदि दिखाने के लिए कहा था, जब उन्होंने उन्हें बताया कि एजेंसियां उनके मामले पर काम कर रही हैं और कुछ राजनेता भी मामले में शामिल हैं, इसलिए वे उच्च अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद डॉक्टर से संपर्क करेंगे. जब शिकायतकर्ता के पिता को घटना के बारे में पता चला तो वह उसे अपराध शाखा कार्यालय ले गए. 


जानकारी नहीं होने से फंस गया जाल में 
डॉक्टर के पिता ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले शहर में एक डॉक्टर दंपति को 48 घंटे के लिए डिजिटल हाउस अरेस्ट करने वाली एक न्यूज़ पढ़ी थी. जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा लाखों रुपये का चूना दंपत्ति को लगाया गया था. डॉ.कश्यप के पिता ने कहा कि लोगों में जागरूकता की जरूरत है ताकि वे ऐसी धोखाधड़ी की घटनाओं से बच सकें. उन्होंने कहा कि बेटे को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए वह आरोपियों के जाल में फंस गया और उससे तीन लाख रुपये ले लिए,.


डॉक्टर दंपत्ति से ठगी की गई आठ लाख रुपये
गौरतलब है कि राऊ इलाके के एक डॉक्टर दंपत्ति को भी आरोपियों ने अपने जाल में फंसाया था. उन्हें कॉलर का फोन आया था,जिसने खुद को एक अंतरराष्ट्रीय कूरियर कंपनी का अधिकारी बताया था. बाद में, वे कॉल करने वाले से डर गए और कुछ दिन पहले 8 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. एडिशनल डीसीपी दंडोतिया ने कहा कि लोगों को ऐसे ठगों से सावधान रहना चाहिए क्योंकि कोई भी जांच एजेंसी कॉल मिलने के तुरंत बाद जांच शुरू नहीं करती.


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