Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे को झंडी दे दी है, जिसके बाद ASI मस्जिद परिसर में सर्वे कराएगी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद इस मामले को लेकर तमाम धर्मगुरु और राजनेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इस बीच ज्ञानवापी पर आए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि ये हमारे लिए सम्मानजनक फैसला है. 

'ये सम्मानजनक निर्णय'भोपाल से सांसद और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, "यह देश के लिए और सनातन धर्मी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. स्वतंत्र भारत में अब समय आ गया है कि हम गुलामी के चिन्हों को हटाकर सच्चाई उजागर करें. यह हमारे लिए सम्मानजनक निर्णय है और इस पर विश्वास करते हैं."

HC ने जिला अदालत का फैसला रखा बरकरारबता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि एएसआई सर्वे से इमारत को कोई नुकसान नहीं होगा. न्याय हित में सर्वे कराया जाना जरूरी है. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सर्वे पर लगी रोक हट गई है और अब कभी भी ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया जा सकता है.  सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्षवहीं उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब मुस्लिम पक्ष की तरफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. वकील निजाम पाशा ने एएसआई के सर्वे को रोकने की मांग चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने रखी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने तत्काल विचार के लिए ईमेल भी भेजा है. जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस पर विचार करके जल्द आदेश देंगे.

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