MP Diwali News: दिवाली के त्यौहार में सबसे बाजारों से सबसे ज्यादा मिठाई की खरीदी की जाती है. दिवाली के त्यौहार का उत्साह और रंगत सभी दुकानों पर देखने को मिल रहा है. यहां ग्राहकों द्वारा जमकर खरीदी की जा रही है जिससे मिठाई व्यापारियों के चेहरे पर रौनक दिखाई दे रही है.
कोरोना के दो साल बाद इस साल दिवाली का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में इंदौर की मिठाई और नमकीन की दुकानों पर काफी ज्यादा रौनक देखने को मिल रही है. इंदौर का नमकीन वैसे भी देश-विदेश तक प्रसिद्ध है.
540 करोड़ की नमकीन बिक्री का अनुमान
वहां के नमकीन और मिठाई एसोशिएसन के सचिव अनुराग बोथरा के अनुसार दिवाली के मौके पर इंदौरवासी करीब 540 करोड़ की नमकीन की खरीदी करेंगे. क्योंकि इंदौर में नमकीन के ही करीब 80 बड़े व्यापारी हैं. इनमें आर्गनाइज कंपनी से लेकर पुराने कई सालों से काम काम कर रहे व्यापारी शामिल हैं. वहीं इससे बहुत बड़ा मार्केट अनआर्गनाइज है और लगभग 1200 छोटे व्यापारी हैं, जिन्हे अनर्गनाइज कहते है.
इंदौर में रोज नमकीन का प्रोडक्शन केवल आर्गनाइज सेक्टर में ही करीब 30 से 35 टन की है. जो त्योहार के समय बढ़कर प्रतिदिन 100 टन तक चली जाती है. वहीं नमकीन 180 रु से 200 रु किलो मिलता है. इस बार दिवाली के कुछ समय से पहले होने और बारिश के चलते गजक, सोन पापड़ी मिठाई की खरीदी में कमी आई है और नमकीन ज्यादा खरीदा जा रहा है.
1 हजार 80 करोड़ की मिठाई बिक्री का अनुमान
वहीं मिठाई की खपत प्रतिदिन 25 से 30 टन की होती है. दिवाली के अवसर पर करीब तीन दिन में यह आंकड़ा प्रतिदिन 60 टन के करीब चला जाता है. जिसकी कीमत करीब तीन दिन का व्यवसाय 01 हजार 80 करोड़ रु तक होने का अनुमान है. शहर में मिठाई 400 से लेकर 2000 तक मिल जाती है. अगर फैंसी मिठाई की बात करे तो गिफ्टिंग और गोल्ड वर्क करकर मिठाई तैयार की जाती है, जिसकी कीमत करीब 4 से 5 हजार तक होती है.
अब मार्केट में मिठाई मार्केट थोड़ा सा बदलता हुआ नजर आ रहा है. पहले 80 परसेंट सोन पापड़ी का चलन हुआ करता था, अब काजू कतली ने सोन पापड़ी की जगह ले ली. क्योंकि मावे को लेकर बाजारों में कई तरह मिलावट की खबरें आती है जिससे लोगों का रुझान काजू कतली पर ज्यादा हो चला है. मावे की मिठाई की खरीदी में कमी आई है.