Indore News: इंदौर में बेतरतीब तरीके से चलने वाली स्कूल बसों के लिए इंदौर जिलाधीश इलैयाराजा टी ने नई एसओपी जारी की है. इस एसओपी के तहत अब स्कूल बस संचालकों को अपनी बसों का शहर में संचालन करना होगा. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अक्सर देखने में आता है कि निजी स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के लिए बसों का बड़ी संख्या में इस्तेमाल किया जाता है.ऐसे में इन बसों में आरटीओ के नियम भी पूरे नही पाए जाते हैं. जब भी यातायात पुलिस चेकिंग के लिए सड़क पर उतरती है तो बसों में कई खामियां निकलती हैं. ऐसे में इन बसों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है. इन बसों पर प्रशासन सख्ती करते हुए एसओपी जारी कर चुका है. इसके हिसाब से ही बसों का संचालन करना आवश्यक होगा.
एक पत्र के माध्यम से ये एसओपी जारी की गई है. जिसमें निम्नानुसार बिंदुवार विवरण लिखा गया है कि किन मापदंडों का ख्याल स्कूल बस संचालकों को रखना जरूरी होगा.
- प्रत्येक स्कूल बस पीले रंग में पेंट होना चाहिए .
- समस्त स्कूल बसों पर "स्कूल बस" पीछे एवं अग्रभाग पर लिखा होना चाहिये, यदि अनुबंधित बस हो तो उक्त बस पर ऑन स्कूल इयूटी" लिखा होना चाहिए.
- प्रत्येक स्कूल बस में फर्स्ट ऐड-वाक्स अनिवार्यतः होना चाहिए .
- स्कूल बसों में नियमानुसार निर्धारित स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए.
- समस्त बसों की खिड़कियों पर सरियों की होरीजेंटल बिल लगी हो.
- स्कूल बसों में अग्निशमन यंत्र की सुविधा हो तथा 32 सीट से अधिक क्षमता की बसों में 02 अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए.
- समस्त स्कूल बसों पर स्कूल का नाम एवं आपातकालिन नंबर स्पष्ट एवं पठनीय अंको में लिखा होना चाहिएा .
- प्रत्येक स्कूल बस में दरवाजों पर लगे हुये लॉक पूर्णतः ठीक स्थिति में होना चाहिए .
- समस्त बसों में परिचालक/ सहायक प्रशिक्षित एवं संवेदनशीन होना चाहिए.
- बच्चों के स्कूल बैग को रखने के लिए सीटों के नीचे पर्याप्त स्थान हो .
- किसी भी शिक्षक अथवा पालक को बस में सुरक्षा की जानकारी एवं मुआयना करने की सुविधा होना चाहिए.
- प्रत्येक चालक के पास भारी यात्री वाहन चलाने का लायसेंस होना चाहिए .
- बस पर ऐसा ड्रायवर नहीं रखा जायेगा जिस पर एक से अधिक बार रेडलाईट जंप में चालानी कार्यवाही की गई हो तथा अप्राधिकृत व्यक्ति से स्कूल वाहन नहीं चलवाया जा सकेगा.
- जिस ड्रायवर के उपर ओव्हर स्पीडिंग, नशा करके वाहन चलाने तथा खतरनाक तरीके से वाहन चलाने की यदि एक भी चालानी कार्यवाही की गई हो तो उसे विद्यालय प्रबंधन स्कूल बस चलाने के लिए नियोजित नहीं कर सकेगा .
- मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 2(47) के अनुसार स्कूल बस परिवहन यान है जिसका परमिट लिया जाना आवश्यक है. नियमानुसार इनकी सुरक्षात्मक बिन्दुओं पर फिटनेस प्रमाण पत्र आवश्यक है . उपरोक्त लिखित शर्तों का पालन नहीं करने वाले स्कूली वाहनों के परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जा सकेगा.
- स्कूल बसों के चालकों को यातायात के नियमों की जानकारी होना एवं नियमों का पालन करना अनिवार्य है .
इन दिशा-निर्देशों के साथ मध्य प्रदेश शासन के परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन व सीबीएसई बोर्ड दिल्ली की ओर से जारी निम्नलिखित दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए भी कहा गया है.
- बसों में खिड़कियों पर परदे (कटन)/अपारदर्शी फिल्म लगाना प्रतिबंधित होगा.
- राज्य परिवहन प्राधिकार मध्य प्रदेश ग्वालियर के संशोधित संकल्प अनुसार स्कूल बसों के परमिट पर अतिरिक्त शर्ते अनिवार्य नहीं है.
- प्रत्येक स्कूल बस में जब उसके द्वारा छात्राओं को लाया या ले जा रहा हो तो उस बस में संबंधित स्कूल की महिला सहायक/शिक्षिका/महिला चालक महिला परिचारक में से कोई भी एक की उपस्थिति बस में होना अनिवार्य होगा.उक्त निर्देश का पालन सुनिश्चित किया जाए.
- समस्त स्कूल बसों के चालक एवं परिचारक का चरित्र सत्यापन पुलिस विभाग से कराना अनिवार्य होगा . प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान के वाहनों के चालकों के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग, काउंसलिंग और नेत्र परीक्षण समय-समय पर कराया जाना चाहिए.
- वर्षाकाल में पुल-पुलिया पर पानी का बहाव होने पर पुल पार नहीं किया जाए.विद्यालयीन वाहनों में किसी भी प्रकार से ओव्हरलोडिंग नहीं की जानी चाहिए
- स्कूल प्रबंधन व बस संचालकों की ओर से जीपीएस/वीएलटीडी पैनिक बटन और सीसीटीवी के माध्यम से प्रत्येक स्कूल बस की सुचारू निगरानी रखी जाए. बस चालक और परिचालक निर्धारित वर्दी धारण करें, यह सुनिश्चित किया जाए.
- बस के कैविन में बच्चों को बैठाना प्रतिबंधित रहेगा.
- उपरोक्त दिशा-निर्देशों का मैजिक ऑटो रिक्शा में स्कूली छात्र-छात्राओं का परिवहन करने वाले वाहनों द्वारा भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.
- परिवहन व्यवस्था में नियोजित चालक/परिचालक/सहायक को पर्याप्त वेतन प्रदाय किया जाए. उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षित कर काम के महत्व को बताते हुए शिक्षा व्यवस्था में चालक/परिचालक/सहायकों के योगदान की सराहना भी की जाए.
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