Digvijaya Singh Kanwar Yatra: चुनावी साल में कांग्रेस (Congress) के सॉफ्ट हिंदुत्व की एक और तस्वीर सोमवार को जबलपुर में देखने को मिली. यहां की परंपरागत संस्कार कांवड़ यात्रा (Kanwar) में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) भी नर्मदा तट गौरीघाट पहुंचे. नर्मदा पूजन-अर्चन के बाद दिग्विजय सिंह खुद कांधे पर कांवड़ लेकर यात्रा के लिए निकले. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के पूछे जाने पर किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं दिया.


मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. लिहाजा, अब राजनीतिक दल कोई भी मुद्दा नहीं छोड़ना चाहते. यही वजह है कि संस्कारधानी जबलपुर में निकाली जा रही विशाल कांवड़ यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए. कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के साथ महापौर जगत बहादुर अन्नू, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया सहित कांग्रेस के कई पदाधिकारी इस कांवड़ यात्रा में  शामिल हुए. 



कंधे पर कांवड़ उठाकर रवाना हुए दिग्विजय सिंह
दरअसल, जबलपुर में सावन माह के दूसरे सोमवार पर मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा निकाली जाती है. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले गौरीघाट में नर्मदा का पूजन अर्चन किया. उसके बाद वे कंधे पर कांवड़ उठा कर रवाना हुए. अनुमान है कि 35 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में 1 लाख कांवड़िया मां नर्मदा का जल लेकर मटामर स्थित कैलाश धाम पहुंचेंगे. इस ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा के चलते आज जबलपुर पूरे दिन बोल बम के नारे से गूंजते रहेंगे.


10 साल से निकाली जा रही यह कांवड़ यात्रा
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुकी जबलपुर की इस कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में कांवड़िए शामिल होते हैं. करीब 35 किलोमीटर चलने वाली इस कांवड़ यात्रा की शुरुआत नर्मदा तट गौरीघाट से होती है. यहां से कांवड़िया मां नर्मदा का जल और एक पौधा लेकर खमरिया स्थित कैलाश धाम में भगवान भोलेनाथ के मंदिर के लिए रवाना होते हैं. शहर के मुख्य चौक चौराहों से निकलते हुए इस कांवड़ यात्रा से पूरी संस्कारधानी भोले की भक्ति में रम जाती है. पिछले 10 सालों से निकाली जा रही इस कांवड़ यात्रा में साल दर साल कांवड़ की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है.


जबलपुर की पश्चिम विधानसभा सीट से शुरू होकर यह कावड़ यात्रा उत्तर मध्य विधानसभा, पूर्व विधानसभा और अंत में कैंट विधानसभा से होकर मटामर धाम पहुंचेगी. इसी वजह से राजनीतिक दलों में इस कावड़ यात्रा को लेकर जमकर उत्साह देखने को मिलता है कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता संस्कार कावड़ यात्रा में शामिल होते हैं.


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