मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 3 अक्टूबर को लाखों किसानों को करोड़ों रुपये की राहत राशि दी. यह पहली बार था जब पीला मोजेक की वजह से खराब हुई फसलों के लिए भी राज्य सरकार ने राहत राशि प्रदान की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कई जिलों के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत कर उनका हालचाल जाना.
देश के साथ-साथ प्रदेश भी प्रगति कर रहा- सीएम
इस चर्चा के दौरान किसानों ने आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ-साथ प्रदेश भी प्रगति कर रहा है. हर संकट में सरकार किसानों के साथ खड़ी है. किसानों की वजह से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था चलती है.
गौरतलब है कि सीएम ने एक क्लिक से 8 लाख 84 हजार 772 किसानों के खातों में 653.34 करोड़ की राशि ट्रांसफर की. इस दौरान किसानों को अतिवृष्टि-बाढ़ से फसल क्षति के लिए 331.22 करोड़ की राशि और कीट व्याधि-पीला मोजेक से फसल क्षति के लिए राहत 321.97 करोड़ रुपये प्रदान किए गए.
हमने जो कहा है वो किया है- सीएम
सरकार का कहना है कि क्षति की इस स्थिति में राहत राशि का वितरण जारी रहेगा. किसानों से चर्चा में सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. हमने जो कहा है वो किया है. उन्होंने किसानों से कहा कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. किसान मंडियों में जाकर भावांतर योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराएं. उसका पैसा भी उन्हें जल्दी मिलेगा.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार दुख के समय किसानों के साथ खड़ी है. सरकार किसानों की मदद के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जैसे सीमा पर जवान वैसे खेत में किसान. दोनों जान की बाजी लगाकर अपनी भूमिका अदा करते हैं. उनकी वजह से ही हमारी कृषि अर्थव्यवस्था चलती है. हम हर हाल में किसानों को भावांतर योजना का लाभ किसानों को देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ-साथ प्रदेश लगातार प्रगति कर रहा है.
किसानों ने दिया धन्यवाद
इस दौरान मंदसौर के किसान ने सीएम मोहन को बताया कि उनकी फसल पीला मोजेक की वजह से खराब हो गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए तत्काल राहत प्रदान की. इसके लिए मैं सरकार को धन्यवाद देता हूं. हमारी दीवाली में मदद हो जाएगी. इसी तरह रेखा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने दीपावली के समय किसानों की भरपूर मदद की है. इसके लिए सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद. इसी तरह सभी जिलों के किसानों ने कहा कि सरकार ने दीपावली से पहले उनके उत्सव की तैयारी करवा दी.
इतने जिलों में खराब हुईं फसलें
प्राकृतिक आपदा से विदिशा, सिवनी, बडवानी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, दमोह, बुरहानपुर, मंडला, खंडवा और उज्जैन के 1854 गांवों के 3 लाख 90 हजार 275 किसानों की करीब 34 लाख 94 हजार 898 हेक्टेयर रकबे में फसल खराब हुई है. इसी तरह पीला मोजेक-कीट की वजह से शहडोल, खण्डवा, मंदसौर, रतलाम, दमोह और अलीराजपुर के 1700 गांवों में 4 लाख 94 हजार 605 किसानों की लगभग 3 लाख 3 हजार 366 हेक्टेयर रकबे की फसल क्षतिग्रस्त हुई है.
पहले इतनी राशि दे चुकी सरकार
बता दें, इससे पहले सरकार ने 6 सितंबर को 11 जिलों में हुई फसल क्षति के लिए 17 हजार 500 किसानों को 20.6 करोड़ की राहत राशि दी थी. इसी तरह अगस्त में भी किसानों को 30 करोड़ की राहत राशि दी गई थी. साल 2025-26 में सरकार 225.07 करोड़ की राहत राशि वितरित कर चुकी है.
अब तक इतनी हो चुकी बारिश
गौरतलब है कि प्रदेश में अभी तक 1148.1 मिली मीटर बारिश हुई है. यह सामान्य से 21 फीसदी ज्यादा है. प्रदेश में सबसे ज्यादा गुना में 1668.1 मिमी, मंडला में 1589.7 मिमी, रायसेन में 1575.5 मिमी, नरसिंहपुर में 1446.5 मिमी और श्योपुर में 1441.0 मिमी बारिश दर्ज की गई. इन जिलों के अलावा बैतूल में 984.7 मिमी, सीहोर में 1055.4 मिमी, शाजापुर में 734.6 मिमी और उज्जैन में 857.3 मिमी बारिश हुई. यहां औसत बारिश से कम पानी गिरा.