छिंदवाड़ा जिले के बरेलीपार निवासी 20 वर्षीय कून्नोबाई ने जुन्नारदेव सिविल अस्पताल में एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया. अस्पताल में जन्मे बच्चों में एक लड़का और तीन लड़कियां है. यह डिलीवरी सिविल अस्पताल में नॉर्मल जरिए हुई.

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सूत्रों के अनुसार, प्रसूता की यह पहली डिलीवरी थी. एक साथ चार बच्चों का जन्म अपने आप में दुर्लभ माना जा रहा है. खासकर तब जब यह महिला की पहली डिलीवरी हो.

महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म

बीएमओ डॉ. सुदेश नागवंशी के अनुसार, यह एक 'हाईरिस्क केस' था. जिसकी स्वास्थ्य विभाग पहले से निगरानी कर रहा था. सातवें महीने में जन्म होने के कारण बच्चों का वजन अत्यंत कम है. तीनों बच्चियों में से दो का वजन 600-600 ग्राम है, जबकि तीसरी बच्ची का वजन 550 ग्राम है. वहीं, नवजात लड़के का वजन सबसे कम है. उसका वजन मात्र 400 ग्राम है.

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जन्मे चारों बच्चों की हालत बेहद नाजुक

जानकारी के अनुसार, कम वजन और समय से पहले जन्म के कारण चारों बच्चों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. डॉक्टरों ने तत्काल स्थिति को गंभीर मानते हुए सभी नवजातों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) वार्ड में रेफर कर दिया है. वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में बच्चों को विशेष देखभाल दी जा रही है.

डॉक्टरों ने क्या बताया 

डॉक्टर ने जानकारी दी है कि 20 वर्षीय महिला को गर्भावस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. यहां ऐसा पहला केस है जहां चार बच्चे एक साथ जन्मे हैं. डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स के द्वारा उनकी सेफ डिलीवरी कराई गई है. उन्होंने चार बच्चों का जन्म दिया है. बच्चों का वजन बेहद कम है, लेकिन वे जीवित अवस्था और अच्छी स्थिति में थे. इसलिए उन्हें राज्य स्तरीय 108 गाड़ी के साथ को-ऑर्डिनेशन बना कर छिंदवाड़ा जिला अस्पताल भेजा गया. 

डॉक्टर ने बताया कि यह हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होती है, जिसमें बच्चों और मां सभी पर खतरा बना रहता है. सभी को सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टरों की टीम लगी हुई है और उन्हें सेफली छिंदवाड़ा जिला अस्पताल भेज दिया गया है. 

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