Pancham Singh Protest: भिंड में नगर पालिका ने खूंखार डकैत रहे पंचम सिंह के ब्रह्माकुमारी आश्रम को तोड़ने का नोटिस जारी किया है. पूर्व डकैत ने नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ विरोध का बिगूल बजा दिया है. आश्रम खोलने के लिए पंचम सिंह ने लहार में पचास लाख का मकान दान कर दिया था. तीन मंजिला भवन आधिकारिक तौर पर मिलने के बाद ब्रह्माकुमारी संस्था ने पंचम सिंह को संचालक नियुक्त कर दिया.


गीता पाठशाला में लगभग 50 वर्षो से नियमित सत्संग हो रहा है. लहार में ब्रह्माकुमारी आश्रम के पीछे नगर पालिका का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है. कॉम्प्लेक्स को मेन रोड से जोड़ने के लिए नगर पालिका प्रशासन ब्रह्माकुमारी आश्रम और दर्जनों दुकानें को हटाने की कार्रवाई कर रहा है.


100 साल की उम्र में हक की लड़ाई लड़ने आगे आए पूर्व डकैत


नगर पालिका ने पूर्व डकैत पंचम सिंह सहित सभी दुकान संचालकों को नोटिस भी जारी कर दिया है. ब्रह्माकुमारी आश्रम संचालक और चंबल में डकैत रहे पंचम सिंह ने बुलडोजर के आगे सीना तान दिया है. उनका कहना है कि जीते जी धार्मिक स्थल गीता भवन तोड़े जाने की कार्रवाई का विरोध करूंगा. 100 साल की उम्र में उन्होंने आमरण अनशन कर प्राण त्यागने तक की चेतावनी दी है.


पंचम सिंह का कहना है कि पूर्व में आबादी की जगह कोई भी मकान बना सकता था. लिहाजा उन्होंने भी नगर पालिका सीमा में मकान बना लिया. उन्होंने माना कि संपत्ति नगर पालिका की है. नगर पालिका को तोड़ने का भी अधिकार है. लेकिन उसकी जगह दूसरा स्थान दिया जाए ताकि धार्मिक संस्था का सुचारू रूप से जीते जी संचालन हो सके.




पंचम सिंह ने ब्रह्माकुमारी आश्रम तोड़े जाने का किया विरोध


उन्होंने कहा कि नगर पालिका प्रशासन की जोर जबरदस्ती के खिलाप आमरण अनशन कर प्राण भी त्याग देंगे. लहार नगर पालिका सीएमओ महेश पुरोहित का कहना है कि पंचम सिंह किराएदार हैं.  नगर पालिका का किराएदार मानते हुए संपत्ति को तोड़ने का आदेश जारी किया गया है. गौरतलब है कि सत्तर के दशक में पंचम सिंह की बंदूक गरजती थी. चंबल इलाके में समानांतर सरकार चलाने वाले पंचम सिंह का सामना करने की पुलिस में भी हिम्मत नहीं थी. पंचम सिंह पर 100 से ज्यादा हत्या, लूट, डकैती के मामले दर्ज थे.




सरकार ने पंचम सिंह पर लाखों रुपए का इनाम रखा हुआ था. गांधीवादी विचारक डॉक्टर एसएन सुब्बाराव की पहल पर महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में 1972 में पंचम सिंह ने 500 से अधिक साथियों के साथ सरेंडर कर दिया था. सरेंडर करने के बाद पंचम सिंह को मुंगावली की खुली जेल में रखा गया. जेल में रहते हुए पंचम सिंह प्रजापति ब्रह्माकुमारी संस्था के सदस्य बन गए और बाहर आने पर ज्यादातर संपत्ति संस्था को दान कर दी. लहार मेन रोड पर नगर पालिका की शासकीय संपत्ति पर बने मकान को अनुबंध के तहत ब्रह्माकुमारी संस्था को दान कर दिया.


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