मध्य प्रदेश स्थित कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से BJP विधायक संजय पाठक (Sajay Pathak) इन दिनों एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में स्थित उनकी खनन कंपनियों आनंद माइनिंग, निर्मला मिनरल्स और पेसिफिक एक्सपोर्ट पर अवैध खनन का आरोप लगा है. 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने 5 अगस्त को विधानसभा सत्र में लिखित जवाब में स्पष्ट किया कि इन कंपनियों से सरकार 443 करोड़ रुपये की राशि वसूलेगी. इस कार्रवाई का आधार भारतीय खनन ब्यूरो की रिपोर्ट है, जिसमें स्वीकृत मात्रा से अधिक ब्लू डस्ट का उत्खनन सामने आया है.

कांग्रेस विधायक ने उठाया था ये मामला

इस मुद्दे को कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाया था. उन्होंने पूछा था कि क्या आनंद माइनिंग (Anand Mining), निर्मला मिनरल्स (Nirmala Minerals) और पेसिफिक एक्सपोर्ट (Pacific Export) द्वारा तय मात्रा से अधिक खनन कर शासन को लगभग 1000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है? 

इसी के जवाब में बताया गया कि शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित की शिकायत के आधार पर 23 अप्रैल 2025 को एक जांच दल गठित किया गया था. इसके बाद 6 जून को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में 443 करोड़ की राशि वसूलने की सिफारिश भी की गई, जिसमें GST भी शामिल किया गया है.

वसूली की घोषणा होते ही मचा हड़कंप, कंपनियों ने दी सफाई 

वसूली की घोषणा होते ही संजय पाठक की सभी खदानों में हड़कंप मच गया है. वहीं मामला बढ़ा तब तीनों कंपनियों ने इस पर सफाई देते हुए बयान जारी किया है कि वे पिछले 70 सालों से खनन क्षेत्र (Mining Area) में कार्यरत हैं और आज तक कभी भी उन पर अवैध खनन का आरोप नहीं लगा. 

हालांकि, सरकार द्वारा लगाए गए इस भारी जुर्माने ने न केवल उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है.