MP Cheetah Project: कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद से केन्द्र सहित मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार भी काफी चिंतित है. इसी सिलसिले में सोमवार को केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव (Bhupender Yadav) ने सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के साथ चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) की समीक्षा की.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने संकेत दिए हैं कि चीतों के हिसाब से माहौल को समझने के लिए कूनो स्टाफ को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका भेजा जाएगा. इस बैठक में मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. विजय शाह, केंद्रीय वन महानिदेशक और विशेष सचिव सीपी गोयल, प्रदेश के अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. एसपी यादव, प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जेएस चौहान और अपर सचिव वन विभाग अशोक कुमार सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे.
हो चुकी है छह चीतों की मौतकूनो नेशनल पार्क में अब तक तीन शावकों सहित छह चीतों की मौत हो चुकी है. चीतों की मौत के बाद से ही सरकार अलर्ट है. इसी सिलसिले में भूपेन्द्र यादव दो दिवसीय मध्य प्रदेश के दौरे पर रहे. वनमंत्री भूपेन्द्र यादव ने चीता प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में चीता प्रोजेक्ट की और बेहतरी के लिए कई विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी-कर्मचारियों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका भेजा जाएगा, ताकि वहां वो चीतों से संबंधित स्टडी कर सकें.
छह जून को कूनो जाएंगे वन मंत्रीबैठक के दौरान भूपेन्द्र यादव ने कहा "अगले सप्ताह छह जून को वे भी कूनो नेशनल पार्क जाएंगे. भारत सरकार के लिए चीता प्रोजेक्ट बहुत अहम है. इस प्रोजेक्ट में कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन-कर्मचारी भी पूरी मेहनत कर रहे हैं. मैनें कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अतिरिक्त वन रक्षक और वनपाल की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया है." समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश चीता स्टेट है. यह प्रतिष्ठ की बात है. राज्य सरकार चीता परियोजना की सफलता के लिए प्रतिबद्ध है. चीता परियोजना से जुड़ा पूरा अमला जज्बे के साथ काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस संतोषजनक है.
जंगल में छोड़े गए सात चीतेवहीं बैठक के दौरान कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव को बताया कि अब कूनो नेशनल पार्क में 18 चीते शेष बचे हैं. इनमें से सात चीतों को कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने खुले जंगल में छोड़ दिया है. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने भूपेन्द्र यादव को बताया कि जंगल में छोड़े गए चीतों में मादा चीता आशा, गामिनी, नीरवा और नर चीतों में गौरव, शौय, वायु और अग्रि शामिल हैं. इनमें मादा चीता आशा पिछले तीन दिन से शिवपुरी जिले में है.
बता दें 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रिका से 12 चीते लाए गए थे. इस तरह से चीतों की संख्या 20 हो गई थी. 24 मार्च को खुशी की लहर आई जब मादा चीता ज्वाला (सियाया) ने चार शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद चीतों की संख्या में 24 हो गई थी, लेकिन इसके बाद से ही कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर सामने आने लगी. 27 मार्च को मादा चीता साशा की मौत हो गई.
एक शावक सहित 18 चीते मौजूदइसके बाद 23 अप्रैल को नर चीता उदय की मौत हो गई. इसके बाद 9 मई को दक्षा, 23 को एक चीता शावक और 25 को दो शावकों की मौत हो गई. अब एक शावक ही शेष रह गया है. इस तरह कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या घटकर अब 18 ही रह गई है.
MP Politics: मिशन 150 सीट के लिए राहुल गांधी की नेताओं को नसीहत, एमपी चुनाव के लिए रोडमैप तैयार