भोपाल से गिरफ्तार जमात ए मुजाहिदीन के आतंकवादियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आतंकियों द्वारा भारत आने के मामले में सनसनीखेज खुलासा किया गया है. यह खुलासा आतंकवादियों ने पुलिस से पूछताछ में किया है. सभी आतंकवादियों ने त्रिपुरा के रास्ते भारत में घुसपैठ की थी.

भारत आने के लिए आतंकवादियों ने दलालों को प्रति व्यक्ति चार चार हजार रुपये दिए थे. दलालों ने की सभी आतंकवादियों को सीमा पार करने में मदद की थी. यह दलाल बांग्लादेश और भारत दोनों तरफ के हैं. आतंकियों के खुलासे के बाद पुलिस और एटीएस मदद करने वाले दलालों की पहचान करने में जुट गई है.

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इन राज्यों में रुके थे आतंकी

ATS ने एक स्पेशल टीम गठित की है. डीएसपी रैंक के ऑफिसर इस टीम को लीड करेंगे. आतंकियों ने बताया कि भारत में आने के बाद कुछ समय असम में भी बिताया. इसके बाद उत्तर प्रदेश में रहे. AST उनके रहने वाले स्थानों की जानकारी जुटा रही है.

घुसपैठियां खुद को बताते हैं मजदूर 

आतंकियों ने पूछताछ में बताया कि भारत-बांग्लादेश दोनों तरफ दलालों का नेटवर्क सक्रिय है. जो सीमा के दोनों तरफ काम करते हैं. ज्यादातर दलालों के एजेंट ढाका बांग्लादेश में हैं. उनके सहयोगी सीमा के पास गांव में एक्टिव रहते हैं. भारत में दाखिल होने के बाद घुसपैठियां खुद को मजदूर बताते हैं.

खुफिया एजेंसी ने रविवार को ऐशबाग थाना इलाके से चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. साथ ही उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोट मिला था. आतंकवादी ऐशबाग थाना क्षेत्र में स्थित पार्टी में मस्जिद के पास किराए का मकान लेकर रह रहे थे. खुफिया एजेंसी ने बिल्डिंग से धार्मिक सहित 12 से अधिक लैपटॉप भी जप्त किया था. बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों में 300 स्थानों पर करीब 500 बम विस्फोट हुए थे यह धमाके जीएमबी ने ही कराए थे. वह भी इसी संगठन ने किया था.

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