Bhopal Suicide Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक महिला अपनी तीन बेटियों के साथ फांसी के फंदे पर झूल गई. इस घटना में महिला व उसकी दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि एक ढाई साल की बेटी की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इधर महिला के भाई का आरोप है कि बेटा पैदा नहीं होने की वजह से ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करते थे. 


घटना भोपाल से 35 किलोमीटर दूर गुनगा थाना क्षेत्र के ग्राम रोडिया की बताई जा रही है. मामला मंगलवार दोपहर को सामने आया है. तीनों ही शव हमीदिया अस्पताल भेजे गए हैं. महिला का नाम संगीता यादव उम्र 28 साल, बेटी आराध्या 5 साल और सृष्टि की उम्र ढाई साल की बताई जा रही है. 


आत्महत्या से पहले पांच मैसेज
गुना थाना प्रभारी अरुण शर्मा के अनुसार शुरुआती जांच में महिला द्वारा सुसाइड और इससे पहले 3 बच्चियों की हत्या किए जाने के संकेत घटना स्थल की जांच के दौरान मिले हैं. महिला ने बेटियों को फांसी पर लटकाने के बाद स्वयं सुसाइड किया. बताया जा रहा है कि इससे पहले महिला ने पांच मैसेज किसी मोना नाम की महिला को भेजे हैं, इसके बाद यही मैसेज अपने भाई नीरज को भेजे. 


मैसेज में यह लिखा
मृतक महिला द्वारा किए गए पहले मैसेज में लिखा बोलते हैं कि मरूंगा या मारूंगा. बहुत तकलीफ होए, हर रोज. सामान फेकेंगे, लड़ेंगे. दूसरे मैसेज में तुम्हारे भाई साहब कह रहे तू मर जा. मोडिय़ों से कोई मतलब नहीं. तो मेरा जीवे का क्या मतलब है. तीसरे मैसेज में तुमसे उपका के मर रही हूं. मरी मोडिय़ें तुमाए घर रोए, वे भी मरेंगी मेरे साथ. 


वे भी मरेंगी तुम सब मरोगे. चौथा मैसेज में मर गई मेरी मोडिय़ें, मोना दीदी का कर लओ मैंने. मर गई, मैं भी कर जाऊंगी. क्योंकि तुमाए भाई साहब ने हमें खा लई. पांचवें मैसेज में मजबूर कर दई मैंने कि आज मैंने अपनी मोडिय़ें मार डारी. अब मैं का करुं. दीदी, तुमरे भाई साहब बहुत खराब है.


भाई का आरोप, बेटा नहीं होने से करते प्रताड़ित
इधर मृतक महिला के भाई नीरज यादव ने बहन के ससुराल पक्ष पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है. नीरज के अनुसार रात को संगीता ने मोबाइल पर मैसेज भेजे थे. मैंने मैसेज सुबह देखे. वो रोते हुए आपबीती बता रही है. एक मैसेज में कह रही है कि वह बहुत खराब हैं. मैं सोचती थी कि आज नहीं तो कल सब ठीक हो जाएगा. लेकिन अब मैं जहर खा रही हूं. कोई नहीं बचेगा, सब मरेंगे. 


बुआ के बेटे ने बताई हकीकत
मृतिका के भाई नीरज का कहना है कि मैंने मैसेज देखकर संगीता के मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन वहां से मुझे कोई रिस्पांस नहीं मिला. संगीता के देवर को भी फोन किया. उन्होंने दो बार मेरा फोन नहीं उठाया. तीसरी बार में जब उन्होंने फोन उठाया तो मैंने पूछा कि घर पर सब ठीक है. 


उन्होंने कहा हां सब ठीक है. मुझे उन पर विश्वास नहीं हुआ. मुझे शक हुआ. पड़ोस के गांव में मेरी बुआ है. उनके लडक़े को मैंने फोन लगाकर कहा कि वहां जाकर देख लीजिए. मेरा घर बहन की ससुराल से 40 किलोमीटर दूर है. जब मेरा रिश्तेदार उनके घर पहुंचा तो देखा कि तीनों के शव घर में रखे हुए थे. उन्होंने मुझे बताया और मैंने पुलिस को सूचना दी. उसके बाद पुलिस वहां पर पहुंची थी.


हादसे के बाद यह हुआ परिवर्तन
महाकालेश्वर मंदिर में हुई आगजनी की घटना के बद बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है.  महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा सभी नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. आरती के दौरान निर्धारित और पत्र लोग ही मौजूद देखे जा रहे हैं. गर्भगृह के आसपास गलियारे में भी किसी को खड़े रहने की अनुमति नहीं है. आरती के दौरान अनाधिकृत लोगों को नंदी हाल तक जाने की अनुमति भी नहीं रहेगी. 


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