भिंड जिले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा के बीच विवाद अब सत्ता और शक्ति के खुले प्रदर्शन तक पहुंच गया है. मामला तब गर्माया जब छत्रिय महासभा ने कलेक्टर के समर्थन में उतरकर उन्हें पगड़ी और तलवार भेंट की. जवाब में कलेक्टर ने तलवार म्यान से निकालकर लहराई, जिसे प्रशासन की ताकत के प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
कैसे शुरू हुआ विवाद
मामला 27 अगस्त को शुरू हुआ, जब विधायक कुशवाहा अपने समर्थक किसानों के साथ कलेक्टर बंगले पहुंचे. किसानों ने खाद की समस्या का समाधान मांगा, लेकिन बातचीत के दौरान समर्थकों ने “कलेक्टर चोर है” जैसे नारे लगाए.
कलेक्टर ने विधायक को नसीहत दी कि भिंड में रेत चोरी नहीं होने देंगे. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, विधायक ने कलेक्टर को मारने तक की कोशिश की, जिसे सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया. गुस्साए विधायक ने कलेक्टर बंगले के सामने टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया. वरिष्ठ नेताओं की दखलअंदाजी के बाद धरना चार घंटे में खत्म हुआ.
राजस्व अधिकारियों ने काम किया था बंद
विवाद के अगले दिन राजस्व अधिकारियों ने कलेक्टर के समर्थन में काली पट्टी बांधकर काम बंद कर दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दूसरी ओर, भारतीय किसान संघ टिकैत के समर्थकों ने “कलेक्टर हटाओ” के नारे लगाते हुए अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की.
कलेक्टर का समर्थन और शक्ति प्रदर्शन
इससे अलग, छत्रिय महासभा के लोगों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को पगड़ी और तलवार भेंट की. कलेक्टर ने भी तलवार लहराते हुए संदेश दिया कि भिंड में प्रशासन और शक्ति प्रदर्शन में वह किसी से कम नहीं हैं.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने विधायक को भोपाल तलब कर फटकार लगाई. हालांकि, किसान धरना और महासभा का समर्थन विवाद को फिर गर्म कर रहा है.