MP Politics: इंदौर लोकसभा सीट से मैदान छोड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम चर्चा में हैं. उन्होंने नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी. अक्षय कांति बम विधानसभा टिकट के लिए भी काफी जोर लगा चुके हैं.


उन्होंने इंदौर विधानसभा क्रमांक 4 से ही नहीं बल्कि धार्मिक नगरी उज्जैन की बड़नगर सीट से भी टिकट के लिए काफी मशक्कत की थी, मगर पूर्व सांसद की नाराजगी के कारण विधानसभा का टिकट कट गया.


बीजेपी में शामिल हुए अक्षय कांति बम का परिवार मूल रूप से बड़नगर का रहने वाला है. उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा सीट से साल 2013 में उन्होंने टिकट हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी. वर्तमान में भी बम की बड़नगर में पुश्तैनी जमीन और अचल संपत्ति है. साल 2013 में अक्षय कांति बम ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बड़नगर में डेरा डाल दिया था. उस समय कांग्रेस के सांसद प्रेमचंद गुड्डू थे. वे भी मूल रूप से इंदौर के रहने वाले हैं. इसी के चलते बम को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में उनकी मदद मिल जाएगी.


पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की नाराजगी से फिरा अरमानों पर पानी


पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के मुताबिक जब उनके पास विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अक्षय कांति बम का बायोडाटा आया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया. तत्कालीन सांसद ने कहा कि बड़नगर में सालों से मेहनत करने वाले स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाना उचित रहेगा. पूर्व सांसद के स्पष्ट रवैया की वजह से अक्षय कांति बम का अरमान पूरा नहीं हो सका. 


पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने बताया कि साल 2013 में बडनगर से महेश पटेल को टिकट दिया गया था. महेश पटेल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी थे. किसान नेता होने की वजह से उन्हें कांग्रेस का टिकट मिल गया, जिसके बाद अक्षय बम ने इंदौर में राजनीतिक दावेदारी मजबूत की. बड़नगर में भी अक्षय कांति बम का नाम अचानक सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस नेता भी हतप्रभ रह गए थे. 


पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने बताया कि अक्षय कांति बम के लॉ कॉलेज में जब भी कोई कार्यक्रम होता था, बड़े नेताओं की मौजूदगी रहती थी. उन्होंने कहा, 'खुद सांसद रहते हुए कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं.' अक्षय कांति को अचानक लोकसभा टिकट मिलने की खबर ने प्रेमचंद गुड्डू को भी हैरान कर दिया था. 


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