कश्मीर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बड़ी संख्या में प्रांतीय मज़दूरों के कश्मीर घाटी में पहुंचने का सिलसिला जारी है और अब तक कई हज़ार मजदूर बिना किसी क्वॉरन्टीन के घाटी के कई जिलो में पहुंचने में कामयाब हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पंजाब से आने वाले मजदूरों को बिना जांच के साम्बा और लखनपुर से प्रदेश में घुसने दिया गया, जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. इन खबरों से लोगों में फैले डर को दूर करने के लिए सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विडियो में बड़ी संख्या में बिना टेस्ट के मज़दूर के घाटी में घुसने की खबरों से यह डर फैल गया था. वायरल वीडियो के साथ फैले मैसेज में यह कहा गया है कि 20 से 25 हज़ार ऐसे मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से घाटी में आ चुके हैं और हर दिन 3 से 5 हज़ार मजदूर आ रहे हैं.

इन खबरों के बाद आज जम्मू कश्मीर सरकार ने आंकड़े जारी कर कहा कि 14 जुलाई से अब तक काजीगुंड के टोल प्लाजा पर आने वाले सभी मजदूरों के टेस्ट किए गए और चार दिनों में 10,581 सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए हैं.

सरकारी आंकड़ो के अनुसार 14 जुलाई को 1012 सैंपल लिए गए, जिनमें से छह मजदूर पॉजिटिव पाए गए.15 जुलाई को 2,227, 16 जुलाई को 2099, 17 जुलाई को 2350 और 18 जुलाई को 2893 सैंपल लिए गए. अभी फिलहाल 9569 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है.

सरकार की तरफ से जारी आंकड़ो में यह नहीं कहा गया कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में मज़दूर लॉकडाउन के बावजूद किस तरह जम्मू कश्मीर में दाखिल हुए और इन मज़दूरों का टेस्ट जम्मू के कठुआ में क्यों किया गया.

सूत्रों के अनुसार ज्यादातर आने वाले मजदूर ईंट के भट्टों में काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट मजदूर हैं, जिन्होंने एडवांस पैसे लिए हैं, लेकिन कोरोना के कारण यह लोग नहीं आ सके थे. अभी इन्ही मज़दूरों को सभी नियमों की अनदेखी कर यहां लाया जा रहा है और बिना टेस्ट रिपोर्ट आए, काम करने की जगह जाने भी दिया जा रहा है, जो चिंता की बात है.

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