Sindri And Barauni Projects of Hindustan Fertilizers Limited: केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (HURL) की सिंदरी और बरौनी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार जल्द ही सिंदरी (Sindri) और बरौनी ( Barauni) संयंत्रों से यूरिया का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि ये 2 संयंत्र यूरिया (Fertilizers) के स्वदेशी उत्पादन में 25 लाख टन से अधिक का योगदान देंगे, जिससे आयातित यूरिया की मात्रा कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि, इन संयंत्रों से स्वदेशी यूरिया का उत्पादन 'आत्मनिर्भर भारत' और 'आत्मनिर्भर कृषि' को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम होगा, भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा.


अप्रत्यक्ष रोजगार का होगा सृजन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्येक संयंत्र 500 प्रत्यक्ष और 1500 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा. सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों जैसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) तथा फर्टिलाइजर्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (FCIL) व हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HFCL) के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाकर नामांकन आधार से सिंदरी, गोरखपुर और बरौनी यूनिटों के पुनरुद्धार को अनिवार्य कर दिया है.




एनटीपीसी को मिली है भागीदारी
बता दें कि, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड नाम की संयुक्त उद्यम कंपनी को एनटीपीसी, आईओसीएल और सीआईएल द्वारा 29.67 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी और गोरखपुर, सिंदरी तथा बरौनी में 12.7 लाख टन क्षमता वाला गैस आधारित अमोनिया यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए एफसीआईएल द्वारा 11 प्रतिशत इक्विटी भागीदारी के साथ शामिल किया गया है.


ये भी पढ़ें: 


Video Call पर बात करते हुए महिला ने की खुदकुशी, 8 साल के बेटे ने बताई हैरान वाली बात  


20 अगस्त से फिर चलेगी रांची-वाराणसी इंटरसिटी एक्सप्रेस, कोरोना काल बंद किया गया था परिचालन