झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार (23 सितंबर) को सूर्या हांसदा की पत्नी सुशीला मुर्मू की याचिका पर सुनवाई की. सुशीला ने अपने पति की कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में हुई मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की है.
सुशीला ने अपनी सास नीलमणि मुर्मू के साथ याचिका दायर कर यह आरोप लगाया है कि 11 अगस्त को देवघर में पुलिस ने सुनियोजित तरीके से फर्जी मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की हत्या कर दी. इस मामले की अगली सुनवाई दशहरा की छुट्टियों के बाद होगी.
सूर्या हांसदा पर थे कई केस
सूर्या हांसदा कई विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार रहे थे और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे. हांसदा को 10 अगस्त को देवघर के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था. उन्हें छुपाए गए हथियारों की बरामदगी के लिए राहड़बड़िया पहाड़ियों की ओर ले जाया जा रहा था और तभी कथित मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई.
पुलिस से हथियार छीनने का था दावा
झारखंड पुलिस के मुताबिक, रास्ते में सूर्या हांसदा ने एक पुलिसकर्मी का हथियार छीन लिया और भागते हुए गोली चला दी. जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की, जिससे उनकी मौत हो गई.
CBI जांच की मांग कर रही BJP
वहीं, झारखंड में विपक्षी दल बीजेपी इस मामले को लेकर कई दिनों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है और आदिवासी नेता की मौत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग कर रही है.
कौन थे सूर्या हांसदा?
झारखंड में ECL प्रोजेक्ट गोलीबारे मामले में सुर्या हांसदा फरार बताए जा रहे थे. ईसीएल के राजमहल प्रोजेक्ट के पहाड़पुर इलाके में हुई गोलीबारी की वारदात में भी सूर्या पर नामजद केस दर्ज हुआ था. सूर्या हांसदा झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के टिकट पर बोरियो सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके थे.
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बीते 10 अगस्त को ललमटिया जंगलों में पुलिस से हुई मुठभेड़ में सूर्या हांसदा को मार गिराया गया था. पुलिस हांसदा की ही निशानदेही पर ललमटिया जंगल में छुपाए गए हथियार बरामद करने गई थी. पुलिस का दावा था कि इस दौरान सूर्या हांसदा ने पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर फायरिंग की और भागने की कोशिश की. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें सूर्या हांसदा की गोली लगने से मौत हो गई.