गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र में डबल मर्डर कांड के मुख्य आरोपी श्रीकांत चौधरी ने पुलिस अभिरक्षा में ही आत्महत्या का प्रयास कर सनसनी फैला दी. पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी ने धारदार वस्तु से अपना गला रेत लिया. गंभीर हालत में उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गावां ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
इस घटना के बाद थाना परिसर में अफरातफरी मच गई. सवाल यह उठ रहे हैं कि कड़ी निगरानी के बावजूद आरोपी के पास धारदार वस्तु आखिर कैसे पहुंची. लोगों का कहना है कि पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना होना सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक है. स्थानीय लोग थाने की लापरवाही पर नाराजगी जता रहे हैं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.
पुलिस की सख्त अभिरक्षा में था आरोपी
जानकारी के अनुसार, डबल मर्डर केस में आरोपी श्रीकांत को सख्त सुरक्षा घेरे में रखा गया था. इसके बावजूद उसने आत्महत्या का प्रयास किया. सूत्र बताते हैं कि आरोपी लंबे समय से मानसिक दबाव में था. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि ब्लेड या धारदार हथियार जैसी वस्तु उसके पास पहुंची कैसे और किसकी लापरवाही से यह घटना हुई.
गंभीर हालत में लाया गया था आरोपी- डॉ. राजेश चंद्रा
गिरिडीह सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राजेश चंद्रा ने बताया कि आरोपी गंभीर हालत में लाया गया था. उसके गले पर गहरे घाव थे. टीम ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
घटना के बाद से इलाके में सनसनी
घटना की खबर फैलते ही इलाके में सनसनी फैल गई. लोग थाने में हुई सुरक्षा चूक पर चर्चा करने लगे. इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं बल्कि अभिरक्षा में कैदियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
खोरिमहुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आरोपी के पास धारदार वस्तु कैसे पहुंची. साथ ही सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी.
इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस प्रशासन की साख पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. अब देखना होगा कि जांच के बाद किस पर कार्रवाई होती है और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आगे क्या कदम उठाती है.