Coronavirus Cases in India : आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर पद्मश्री डॉ मणींद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि देश में कोविड को लेकर पैनिक वाले हालात नहीं बनेंगे. अग्रवाल रांची (Ranchi) में चल रहे इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी (Indian Mathematical Society) के 88वें एनुअल कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत में कोविड को लेकर पैनिक जैसी स्थिति पैदा होने के आसार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनका अनुमान गणितीय मॉडल 'सूत्रा' पर आधारित है. कोरोना की लहरों के पूवार्नुमान में सूत्रा मॉडल अब तक एक्युरेसी के सबसे ज्यादा करीब रहा है.

'देश में दो फीसदी लोगों को कोरोना का खतरा'

रांची के मेसरा स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) की मेजबानी में आयोजित तीन दिवसीय कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ मणींद्र ने कहा कि देश में 98 फीसदी लोगों में कोविड को लेकर नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है. हालांकि इसका मतलब यह कतई नहीं कि हमें कोविड सतर्कता के नियमों का पालन नहीं करना चाहिए. कोविड के प्रोटोकॉल और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन्स हमें खतरों से सुरक्षित रखने में कारगर हैं. देश में जो दो फीसदी लोग खराब इम्युनिटी की वजह से खतरे की जद में हैं, उनके कारण कुछ समय के लिए कोविड केसेज की संख्या में इजाफा हो सकता है. लेकिन सूत्रा मॉडल के आधार पर किया गया अब तक का विश्लेषण यही बताता है कि भारत में चीन जैसे हालात पैदा नहीं होंगे. चीन में संक्रमण तेजी से बढ़ने की वजह यह है कि वहां नेचुरल इम्यूनिटी तीस फीसदी से भी कम है. 

'सूत्रा' मॉडल के आधार पर विशेषज्ञ का दावा 

डॉ मणींद्र ने बताया कि सूत्रा मॉडल मैथमेटिक्स के डिफरेंशिएट ऑफ डिफरेंशियल इक्वेशन के आधार पर विकसित किया गया है. गणितीय गणना की थ्योरी सटीक नतीजे देती है. भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Department of Science and Technology) ने जून 2020 में कमेटी बनाकर कोरोना की जांच और पूवार्नुमान के लिए एक मैथमेटिकल मॉडल तैयार करने की पहल की थी. इसमें देश भर से 35 मॉडल चुने गए. डॉ मणींद्र इन मॉडल्स का विश्लेषण करने वाली कमेटी में शामिल थे. हालांकि कमेटी के सामने आए मॉडल में कोई भी पूरी तरह सटीक नहीं पाया गया. इसके बाद उन्होंने कमेटी से चर्चा कर खुद एक मॉडल तैयार किया, जिसके आधार पर उन्होंने सितंबर 2020 में कोरोना के पीक पर पहुंचने की बात कही थी. यह आकलन सही साबित हुआ था. उन्होंने फरवरी 2021 में सेकंड वेव के चरम पर पहुंचने का दावा किया था. उनका पूवार्नुमान भी सही साबित हुआ था. 

Jharkhand: झारखंड में तस्करी रोकने लिए सड़क पर BJP सांसद, बांग्लादेश जा रहे 150 से ज्यादा पशुओं को कराया मुक्त