Jharkhand News: झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू न किए जाने पर प्रदेश के डॉक्टर नाराज हैं. राज्य भर के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और झारखंड हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले रांची में बैठक की. इसके बाद डॉक्टरों ने सरकार से कहा कि, इन दोनों प्रस्तावित कानूनों को जिस तरह लटकाया जा रहा है, वह समझ से परे है. अगर सरकार इन्हें लागू करने की दिशा में पहल नहीं करती है तो मजबूरन मेडिकल सेवा ठप करने जैसा आंदोलन करना पड़ सकता है.


रांची स्थित आईएमए बिल्डिंग में बैठक के बाद आईएमए की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह ने कहा कि, इन दोनों एक्ट को पांच महीने पहले विधानसभा की प्रवर समिति के पास भेजे जाने के बाद से कोई बात नहीं हुई. राज्य में डॉक्टरों के लिए काम करने का सुरक्षित माहौल नहीं है. सुरक्षा व्यवस्था की वजह से राज्य में डॉक्टर ज्वाइन नहीं करना चाहते हैं. वहीं आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि, क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट का जो ड्राफ्ट है, उसमें भी हमने संशोधन की मांग की है.


बैठक में दिखा आक्रोश


उन्होंने कहा कि, एकल डॉक्टरों के क्लीनिक, दंपति डॉक्टरों के क्लीनिक और 50 बेड से कम के अस्पतालों को सीईए के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए. बता दें कि, स्टेट एग्जीक्यूटिव की बैठक में डाक्टरों के अंदर आक्रोश दिखा. इस बैठक में 19 सदस्य हैं, लेकिन इसमें करीब 200 डाक्टर शामिल हुए और सरकार के प्रति नाराजगी जताई. डॉक्टरों ने एक स्वर में कहा कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी तब तक वे बेहतर चिकित्सीय सेवा नहीं दे सकते हैं. डॉक्टरों की एकजुटता देख आईएमए ने कहा कि वो सभी डाक्टरों के साथ हैं और आगे अब सरकार के रवैये को देख कड़ा निर्णय लिया जाएगा.


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