Jharkhand: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले गुरुवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो (Rabindra Nath Mahato) ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और बीजेपी (BJP) विधायक अमर कुमार बाउरी (Amar Kumar Bauri) को नेता प्रतिपक्ष बनाने की घोषणा की. इस मौके पर लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हुआ वह वाकई चौंकाने वाला था. सिर्फ झारखंड विधानसभा ही नहीं, बल्कि देश की सभी राज्य विधानसभाओं को निर्वाचित उम्मीदवारों की शीर्ष स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए.


विधानसभा के अध्यक्ष ने आगे कहा, "संसद और विधानसभाओं में अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए. केवल अच्छी तरह से पहचाने जाने वाले व्यक्तियों और अधिकारियों को ही अंदर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए. आसन को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का समर्थन मिलता है और यदि ऐसा होता है, तो यह सदन की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करेगा."



सीएम हेमंत सोरेन ने क्या कहा?


वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, "झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल से शुरू होने वाला है और हमने उसी के संबंध में एक बैठक की थी. विधानसभा को आज नेता प्रतिपक्ष भी मिल गया. हमें उम्मीद है कि सत्र सार्थक होगा और मुद्दों का समाधान हो जाएगा." इसके अलावा संसद सुरक्षा उल्लंघन पर उन्होंने कहा कि स्पीकर ने मामले का संज्ञान लिया है. देश की संसद में इस तरह की घटनाएं होना गंभीर चिंता का विषय है."


अमर कुमार बाउरी ने कांग्रेस पर बोला हमला


इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने अपनी पार्टी की ओर स सौंपी गई नई जिम्मेदारी और देश में अब तक की सबसे बड़ी आईटी छापेमारी पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ''कोई भी विधानसभा तभी पूर्ण मानी जाती है, जब उसमें सत्ता पक्ष के नेता तीनों हों. पार्टी, विपक्ष के नेता और उपस्थित वक्ता. पिछले 4.5 वर्षों से, विपक्ष के नेता के लिए हमारे सुझावों को सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा था, जिसके कारण सरकार बिना किसी सवाल या विरोध के बेतरतीब फैसले ले रही थी."


बाउरी ने आगे कहा, "मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से झारखंड के 3.5 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने और सरकार को लोगों के प्रति जवाबदेह बनाने का प्रयास करूंगा. कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी के रूप में जाना जाता है. हम धीरज साहू का मामला विधानसभा में उठाएंगे क्योंकि यह देश में अब तक की सबसे बड़ी आईटी छापेमारी है. यह पैसा झारखंड की जनता का है,"


ऐसे में झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से साढ़े तीन सौ करोड़ से ज्यादा की रकम और जेवरात की बरामदगी का मामला छाया रहेगा. बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के साथ राज्य की गठबंधन सरकार की घेराबंदी की रणनीति तैयार की है. इसे लेकर गुरुवार शाम बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.


ईडी के समन के लेकर भी निशाने पर रहेंगे सीएम


वहीं ईडी के छह समन के बाद भी हेमंत सोरेन के हाजिर नहीं होने राज्य में नियुक्ति परीक्षाओं को बार-बार टाले जाने और बेरोजगारी भत्ता से जुड़े मुद्दों पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश विपक्ष की ओर से होगी. झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा, “हर मोर्चे पर फेल राज्य की हेमंत सरकार के खिलाफ मुद्दों की कमी नहीं है. धीरज साहू के ठिकानों से अकूत रकम का हिसाब हम सत्ताधारी गठबंधन से सदन में मांगेंगे. इस भ्रष्टाचार में यहां की सरकार भी भागीदार है.”


इधर सत्ताधारी गठबंधन भी विपक्षी हमलों की काट और सदन में एकजुटता की रणनीति में जुटा है. संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा में सेंध, केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार के एक लाख छत्तीस हजार करोड़ का बकाया, राज्य में सूखा राहत में केंद्र के असहयोग जैसे मसले सदन में उठाए जाएंगे. झारखंड की इस पांचवीं विधानसभा में पहली बार सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा. स्पीकर ने झारखंड प्रदेश बीजेपी विधायक दल के नए नेता अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दे दी है. इसके पहले 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को पार्टी विधायक दल का नेता चुना था, लेकिन स्पीकर ने उनके खिलाफ दलबदल का मामला दर्ज होने के कारण उन्हें नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता नहीं दी थी.


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