झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग (JSMC) ने मंगलवार (23 सितंबर) को कार्रवाई करते हुए टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक नन और 19 आदिवासी नाबालिगों से कथित रूप से मानव तस्करी और धर्म परिवर्तन के शक में की गई पूछताछ का संज्ञान लिया. अधिकारियों के अनुसार, इस घटना में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कुछ सदस्य शामिल थे.
यह घटना शुक्रवार रात (19 सितंबर) को हुई थी, जब दक्षिण बिहार एक्सप्रेस से उतरने के बाद नन और आदिवासी बच्चों को रेलवे पुलिस के माध्यम से रोका गया. आरोप है कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने इन नाबालिगों से धार्मिक परिवर्तन को लेकर पूछताछ की.
अधिकारियों से मांगा जाएगा जवाब
JSMC के उपाध्यक्ष प्रनेश सोलोमन ने बताया कि आयोग जिला आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और रेलवे पुलिस से इस घटना के कारणों की जानकारी मांगेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी हिंदू संगठन द्वारा लगाए गए आरोपों का फिलहाल कोई वैध कारण सामने नहीं आया है.
प्रनेश सोलोमन ने बताया कि उनकी टीम सितंबर के अंतिम सप्ताह में जमशेदपुर आएगी और तातानगर रेलवे स्टेशन पर संबंधित अधिकारियों और उस कैथोलिक संस्था के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी, जिन्होंने बच्चों के लिए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग सत्र आयोजित किया था.
एक अल्पसंख्यक संगठन ने आरोप लगाया कि बच्चों और नन से 5 घंटे तक पूछताछ की गई. संगठन के अनुसार, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने रेलवे पुलिस के माध्यम से नाबालिगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
पूर्व आदिवासी सलाहकार परिषद के सदस्य रतन तिर्के ने आरोप लगाया कि बच्चों की फोटो और वीडियो बिना अनुमति के सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर शेयर किए गए.
सत्र करना पड़ा रद्द
जमशेदपुर के सुंदरनगर स्थित समेकित जन विकास केंद्र के निदेशक फादर बिरेंद्र तेते ने बताया कि कुल 16 लड़कियां और तीन लड़के माता-पिता की सहमति से जीवन कौशल विकास सत्र में भाग लेने आए थे. हालांकि तातानगर स्टेशन पर हुई घटना के कारण बच्चे मानसिक रूप से आहत हो गए और सत्र रद्द करना पड़ा.
रेलवे पुलिस की जांच जारी
GRP की उप पुलिस अधीक्षक जयश्री कुजुर ने कहा कि मामले की जांच जारी है. प्रारंभिक जांच में किसी भी तरह के धार्मिक परिवर्तन और मानव तस्करी के ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं.