झारखंड के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में रविवार (7 दिसंबर) को देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनका हार्दिक स्वागत किया. प्रतिनिधियों ने देशभर में चल रहे आदिवासी संघर्षों को मजबूत नेतृत्व देने की अपील करते हुए कहा कि आदिवासी समाज आज हेमंत सोरेन जैसे नेतृत्व की ओर आशा से देख रहा है.

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मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड की धरती वीरता, संघर्ष और स्वाभिमान की जीवंत पहचान रही है. उन्होंने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, दिशोम गुरु शिबू सोरेन सहित अनेक आदिवासी वीर-वीरांगनाओं के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि जनजातीय समाज ने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

संस्कृति, शिक्षा और प्रकृति संरक्षण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता- हेमंत सोरेन 

मुख्यमंत्री सोरेन ने बताया कि आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा और अधिकारों की रक्षा के लिए झारखंड सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सामाजिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.

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उन्होंने उल्लेख किया कि झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां आदिवासी विद्यार्थी सरकारी खर्च पर विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का उपासक है, लेकिन आधुनिक समय में प्रकृति से छेड़छाड़ बढ़ने से बाढ़, सुखाड़ और भूस्खलन जैसी चुनौतियां बढ़ी हैं. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण सबकी साझा जिम्मेदारी है.

आदिवासी समाज को मजबूत होने की जरूरत- हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में आदिवासी समाज को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “सशक्त और आत्मनिर्भर आदिवासी समाज ही भविष्य के भारत की मजबूत नींव बन सकता है.” इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार की नीतियों और आदिवासी हितों के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.

देशव्यापी जनसंपर्क अभियान चलाने की घोषणा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले दिनों में वे स्वयं देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी समाज के अधिकारों और पहचानों को मजबूत करने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाएंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की आवाज सिर्फ संघर्ष तक सीमित न रहे, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति और नीति-निर्माण के केंद्र में पहुंचे.

कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने की सहभागिता

गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मणिपुर सहित देश के कई राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने झारखंड सरकार के प्रयासों को ऐतिहासिक बताते हुए सहयोग का आश्वासन दिया.

यह लोग कार्यक्रम में रहे मौजूद

इस कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिनिधियों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के योगदान और संघर्ष को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर मंत्री दीपक बिरुआ, मंत्री चमरा लिंडा, विधायक मती कल्पना सोरेन, अशोक चौधरी समेत देशभर से आए सैकड़ों आदिवासी प्रतिनिधि मौजूद रहे.