Mahashivratri 2023: झारखंड की विश्व प्रसिद्ध देवभूमि देवघर के बाबा वैधनाथ और उपराजधानी दुमका के बासुकीनाथ धाम में शिव-पार्वती शादी के लिए तैयार है. शनिवार की देर शाम भगवान शिव और माता पार्वती का वैवाहिक कार्यक्रम होगा. बाबा दूल्हा और माता पार्वती दुल्हन बनेगी. इसको लेकर प्रशासन और आयोजकों ने तैयारी पूरी कर ली है. बाबा भोले नाथ को उबटन लगाया जा चुका है. दोनों धामों को फूल- मालो से दुल्हन की तरह सजाया गया है.


देवघर में एक लाख जबकि दुमका के बासुकीनाथ धाम में 80 हजार से ज्यादा भक्त पहुंचे हुए हैं. दोनों देवभूमि मे मिथिलांचल और कोशी, बिहार, बंगाल सहित देश के अन्य प्रदेशो शिवभक्त श्रद्धांलू पहुंच कर बाबा मैया के शादी के साक्षी बनकर खुद को धन्य बनाएंगे .इस शादी को लेकर शिवभक्त काफी उत्साहित हैं.


बासुकीनाथ में भक्तों का भीड़


महाशिवरात्रि का ये महापर्व सदियों से मनाए जाने की परम्परा है और शास्त्रों के मुताबिक महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव को खुश करने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. देश के बारह द्वादश ज्योर्तिलिंग में देवघर का बाबा वैधनाथ और कामना लिंग और फौजदारी बाबा के रुप में विख्यात बासुकीनाथ में नागेश ज्योर्तिलिंग का यह दरबार भक्तों की संपूर्ण कामनाओं को पूरा करता है. ऐसे में बासुकीनाथ बाबा के दरबार में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं और अपने बाबा के प्रति विश्वास को लेकर दूर दूर से नागेश्नाथ के दरबार में आते हैं, खास कर जब शिवरात्रि का दिन हो.


कहा जाता है की आज के ही दिन बाबा भोले नाथ ने माता-पार्वती से विवाह किया था. कहावत ये है कि शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ अपने आवास हिमालय से उतरकर सभी शिवालयों में विराजमान हो जाते हैं और जो भी भक्त श्रद्धा से जो कामना करते हैं, बाबा उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं. खास कर स्त्रियां इस दिन को काफी शुभ मानती हैं और दिन भर उपवास रख कर बाबा की आराधना करती हैं जिससे उन्हे मनचाहा फल मिल सके.  




के के स्टेडियम से निकलेगी शिवजी की बारात


जिला प्रशासन अपने स्तर पर इस बार की महाशिवरात्रि को खास बनाने में जुटी हुई है. भरपूर रौशनी हो इसके लिए भी चाक-चौंद व्यवस्था की गई है. बाबा के बारात के लिए आकर्षक झांकिया निकाली जाएगी. बाबा के बारात में देवघर में के के स्टेडियम से बारात निकाली जाएगी. देवघर के बाबा मंदिर प्रांगण स्थित सभी 22 मंदिरो मे पंचशूल स्थापित कर दिया गया है. शिव बारात में 20 झांकी की झलक देखने को मिलेगी. 13 फीट और आठ फीट चौड़ाई का दैत्यदानव जिसके हाथों में हथियार और गले में बम की माला आकर्षक का केंद्र होगा.


बाबा-मैया का भव्य श्रृंगार


वहीं भारत के जी 20 की अध्यक्षता पर आधारित झांकी का प्रदर्शन के साथ समाज की पांच विकृतियों को उजागार करने के लिए पंचनी चुड़ैल दिखाने और आदिवासियों के वेष में रक्षक के रूप में अवतार को प्रदर्शित किया जाएगा. इधर बाबा और मैया के गर्वगृह को भव्य तरीके से सजाया संवारा गया है. सुरक्षा को देखते हुए जगह-जगह भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात किए गए हैं और CCTV कैमरे लगाए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे. इससे पूर्व बाबा भोले नाथ की श्रृंगार कर तैयार किया गया है और मंदिर के गुम्बद में गठजोड़ के साथ त्रिशूल और ध्वज गाड़े गए है.




महाशिवरात्री पर उपवास का खास महत्व


काफी संख्या में अन्य प्रदेश के श्रद्धालू बाबा के बारात में शामिल होने के लिए बाबाधाम पहुंचे हुए हैं. बाबा के भक्त शिव-बारात में शामिल होकर शिव-पार्वती के विवाह का दर्शन कर पुण्य कमाना चाहते हैं. आज महिलाएं उपवास रखकर बाबा के वैवाहिक कार्यक्रम मे हिस्सा लेंगी. विधि-विधान और मन्त्रोंच्चारण के साथ मांगलिक वैवाहिक गीत गाएंगी. बासुकीनाथ में डीसी रवि शंकर शुक्ला फौजदारी बाबा के यजमान बने हैं.


पंडो के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस बार एक नहीं कई दुर्लभ संजोग बने हैं. जो इस बात का संकेत हैं कि भक्तों पर बाबा भोलेनाथ अपनी कृपा बरसाने वाले हैं. दरअसल इस बार महाशिवरात्रि शनिवार को होने के कारण शनि प्रदोष का संजोग बना है. जिसे काफी शुभ माना जा रहा है.


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